सुप्रीम कोर्ट ने 'रितु छाबरिया' मामले में CBI की पुनर्विचार याचिका खारिज की

Update: 2025-08-08 05:44 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने रितु छाबरिया बनाम भारत संघ व अन्य मामले में 2023 के फैसले के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी है। इस फैसले में कहा गया था कि अधूरी चार्जशीट दाखिल करने से अभियुक्त के डिफ़ॉल्ट ज़मानत मांगने का अधिकार समाप्त नहीं होगा।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस एमएम सुंदरेश की खंडपीठ ने चैंबर में पुनर्विचार याचिका खारिज करते हुए कहा,

"हमें पुनर्विचार याचिका पर विचार करने का कोई उचित कारण नहीं दिखता।"

रितु छाबरिया मामले में 26 अप्रैल, 2023 को जस्टिस कृष्ण मुरारी और जस्टिस सीटी रविकुमार (दोनों अब रिटायर) की खंडपीठ ने फैसला सुनाया था।

खंडपीठ ने कहा था,

"यदि जांच एजेंसी जांच पूरी किए बिना आरोपपत्र दाखिल करती है तो इससे अभियुक्त के डिफ़ॉल्ट ज़मानत पाने का अधिकार समाप्त नहीं होगा।"

उल्लेखनीय है कि प्रवर्तन निदेशालय (एसएलपी (सीआरएल) नंबर 005724 - / 2023) द्वारा दायर विशेष अनुमति याचिका में सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित अन्य आदेश के आधार पर रितु छाबरिया फैसले का संचालन प्रभावी रूप से निलंबित कर दिया गया। 1 मई, 2023 को तत्कालीन सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पारदीवाला की खंडपीठ ने आदेश दिया कि रितु छाबरिया फैसले के आधार पर डिफ़ॉल्ट जमानत की मांग करने वाले आवेदनों को न्यायालयों द्वारा स्थगित कर दिया जाना चाहिए।

यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद पारित किया गया कि जांच एजेंसियों को फैसले के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। ED की उक्त एसएलपी अभी भी लंबित है, जिसका अर्थ है कि पुनर्विचार याचिका खारिज होने के बावजूद रितु छाबरिया फैसले का संचालन जारी है।

Case : CENTRAL BUREAU OF INVESTIGATION THROUGH SUPERINTENDENT v. RITU CHHABARIA & ORS | R.P. (CRL.) NO. 124/2025 IN W.P. (CRL.) NO. 60/2023

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