सुप्रीम कोर्ट ने हरिद्वार कलेक्टर को माँ चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट प्रबंधन की जांच करने का निर्देश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (19 अगस्त) को हरिद्वार के जिला कलेक्टर को माँ चंडी देवी मंदिर ट्रस्ट, हरिद्वार के प्रबंधन की व्यक्तिगत जांच करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट द्वारा लागू की गई अंतरिम व्यवस्था में भी कोई बदलाव नहीं किया, जिसके तहत ट्रस्ट का प्रबंधन बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) की निगरानी में करने का निर्देश दिया गया।
न्यायालय ने जिला कलेक्टर को एक नई जाँच करने और हाईकोर्ट को प्रस्तुत की जाने वाली रिपोर्ट में उपयुक्त अंतरिम प्रबंधन ढांचे की सिफारिश करने का निर्देश दिया, जिसके बाद हाईकोर्ट मंदिर ट्रस्ट के स्थायी/नियमित प्रबंधन पर अंतिम निर्णय लेगा।
जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह और जस्टिस एसवीएन भट्टी की खंडपीठ ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि वह मामले की सुनवाई छह सप्ताह के लिए स्थगित करे, हस्तक्षेपकर्ताओं को पक्षकार बनाए और अंतिम निर्णय को प्राथमिकता दे। साथ ही कलेक्टर की रिपोर्ट की समीक्षा होने तक मंदिर को BKTC की निगरानी में रखने का हाईकोर्ट का पूर्व आदेश लागू रहेगा।
अदालत ने कहा कि हरिद्वार के जिला कलेक्टर मठ के कामकाज और प्रबंधन की व्यक्तिगत जांच करेंगे। BKTC तथा रोहित गिरि जैसे हस्तक्षेपकर्ताओं सहित सभी हितधारकों की बात सुनेंगे और अन्य संबंधित पक्षों को भी इसमें शामिल किया जा सकता है।
न्यायालय ने कलेक्टर को निर्देश दिया,
"वह (कलेक्टर) समग्र स्थिति पर विचार करेंगे और जांच में अन्य पक्षों को भी शामिल करने के लिए स्वतंत्र हैं, जो वर्तमान में हमारे समक्ष उपस्थित नहीं हो सकते ताकि जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति के संबंध में एक समग्र और अधिक व्यापक प्रतिक्रिया प्राप्त हो सके। इसके बाद वह यह सुझाव देने के लिए भी स्वतंत्र हैं कि मठ के मामलों के प्रबंधन के संबंध में अंतरिम व्यवस्था क्या होनी चाहिए, जब तक कि मामले का अंतिम निर्णय हाईकोर्ट द्वारा नहीं हो जाता। वह मठ और उसके भक्तों के सर्वोत्तम हित पर ध्यान केंद्रित करेंगे। लंबित कार्यवाही के दौरान रिपोर्ट हाईकोर्ट को प्रस्तुत की जाएगी।"
BKTC की ओर से उपस्थित वकील ने जब बताया कि समिति ने मंदिर ट्रस्ट के मामलों की निगरानी शुरू कर दी तो न्यायालय ने BKTC से निगरानी का नियंत्रण लेने से परहेज किया।
आगे कहा गया,
“जैसा कि हमें सूचित किया गया कि मामला कल यानि 20.08.2025 को सूचीबद्ध है, पक्षकारों को वर्तमान आदेश को न्यायालय के ध्यान में लाना चाहिए। हाईकोर्ट से अनुरोध है कि कलेक्टर की रिपोर्ट की प्रतीक्षा के लिए मामले को छह सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया जाए। हाईकोर्ट से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वह ऐसे व्यक्ति (व्यक्तियों) को भी पक्षकार बनाए, जो हाईकोर्ट के समक्ष पक्षकार नहीं हो सकते हैं और जिनके बारे में वर्तमान मामले में सुनवाई हो चुकी है। हाईकोर्ट से यह भी अनुरोध किया जाता है कि वह इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर ले। अंत में इस मुद्दे का फैसला करे ताकि तदर्थ व्यवस्था के बजाय एक स्थायी/नियमित व्यवस्था लागू हो सके। अंतरिम व्यवस्था के संबंध में आरोपित आदेश में दिए गए निर्देशों के संदर्भ में BKTC के सीनियर वकील ने इस न्यायालय को सूचित किया कि BKTC ने पहले ही संबंधित मठ के मामलों की निगरानी शुरू की। यह स्थगित तिथि पर हाईकोर्ट को अपडेट रिपोर्ट भी प्रस्तुत करेगा। मामले में हाईकोर्ट को समय-समय पर अपडेट रिपोर्ट प्रस्तुत करता रहेगा।”
Cause Title: MAHANT BHAWANI NANDAN GIRI VERSUS STATE OF UTTARAKHAND & ANR. (and Connected case)