सुप्रीम कोर्ट ने अपनी अलग-अलग बेंचों को मामलों के आवंटन का निर्धारण के लिए नए रोस्टर की अधिसूचित जारी की है। यह रोस्टर 4 जनवरी, 2021 को शीतकालीन अवकाश के बाद लागू होगा।
नया रोस्टर अक्टूबर में अधिसूचित पिछले रोस्टर के समान ही है।
नए रोस्टर के अनुसार, जनहित याचिकाओं और पत्र याचिकाओं पर मुख्य न्यायाधीश बोबड़े (सीजेआई), जस्टिस रमाना, जस्टिस नरीमन, जस्टिस ललित, जस्टिस खानविलकर, जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस नागेश राव की अध्यक्षता वाली बेंचों द्वारा निपटाए जाएंगे।
चुनाव के मामले, सामाजिक न्याय के मामले और हैबियस कॉर्पस सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने रखे जाएंगे।
कोर्ट की अवमानना के सीजेआई और न्यायमूर्ति यू यू ललित की अध्यक्षता वाली बेंच द्वारा निपटाए जाएंगे।
जस्टिस एन वी रमना, जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंचों को धार्मिक और चैरिटेबल (धर्मार्थ) मामले आवंटित किए गए हैं।
सीजेआई, जस्टिस रमना, जस्टिस आर एफ नरीमन, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी की बेंचों को मध्यस्थता के मामले सौंपे गए हैं।
फरवरी 2018 में पूर्व सीजेआई दीपक मिश्रा द्वारा विषयवार रोस्टर प्रणाली की शुरुआत की गई थी, जो 'मास्टर ऑफ रोस्टर' विवाद की पृष्ठभूमि में थी। यह विवाद चार वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद सामने आया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि सीजेआई प्राथमिक रूप से न्यायाधीशों की वरिष्ठता की वरीयताओं को नजरअंदाज करके मामलों को सौंप रहे थे।