दोनों पक्षों के अनुरोध के बाद सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्‍थगित की, अब 10 जनवरी को होगी सुनवाई

Update: 2023-11-29 08:38 GMT

राजनीतिक कार्यकर्ता और जेएनयू के पूर्व रिसर्च स्‍कॉलर उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई एक बार ‌फिर टल गई। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दोनों पक्षों के अनुरोध के बाद उमर खालिद की जमानत याचिका पर सुनवाई स्‍थगित कर दी।

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू आज उपलब्ध नहीं थे,‌ जिसके बाद याचिकाकर्ता और दिल्ली पुलिस दोनों ने स्थगन का अनुरोध किया था। कोर्ट ने शुरू में मामले की सुनवाई 6 दिसंबर को रखने को कहा, हालांकि उन्हें बताया गया कि सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल संविधान पीठ की सुनवाई में शामिल होने के कारण उस दिन भी उपलब्ध नहीं होंगे, जिसके बाद जस्टिस बेला एम त्रिवेदी और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने मामले को 10 जनवरी, 2024 तक के लिए स्थगित कर दिया।

उल्लेखनीय है कि पीठ खालिद की जमानत याचिका के साथ-साथ उन रिट याचिकाओं पर भी विचार कर रही है, जिनमें गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के कुछ प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है। खालिद ने यूएपीए प्रावधानों के खिलाफ एक अलग रिट याचिका दायर की है।

आज फाउंडेशन ऑफ मीडिया प्रोफेशनल्स की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट अरविंद दातार ने अनुरोध किया कि यूएपीए प्रावधानों के खिलाफ दायर याचिकाओं को तीन जजों की पीठ के पास भेजा जाए। उन्होंने कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों की संवैधानिकता पर पुनर्विचार करने की याचिका तीन जजों की पीठ के समक्ष रखी गई है।

उन्होंने आग्रह किया कि मामले की सुनवाई तीन जजों की पीठ करे। एक अन्य याचिकाकर्ता की ओर से पेश एडवोकेट प्रशांत भूषण ने ऐसा ही अनुरोध किया। हालांकि, जस्टिस त्रिवेदी ने रिट याचिकाओं को डी-टैग करने या मामलों को किसी अन्य पीठ को भेजने से इनकार कर दिया।

उमर खालिद को सितंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था। तब से यूएपीए में वो जेल में बंद है। दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था, जिसे उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल मई में उनकी याचिका पर नोटिस जारी करने के बाद से नौ बार सुनवाई स्थगित की है।

पहली बार सुनवाई 12 जुलाई को स्‍थगित की गई थी, जब दिल्ली पुलिस ने जवाबी हलफनामा दाखिल करने के लिए और समय मांगा। दूसरी बार 24 जुलाई स्‍थगित की गई। तीसरी बार 9 अगस्त को स्‍थगित की गई, जब जस्टिस पीके मिश्रा के मामले से खुद को अलग किया। चौ‌थी बार 18 अगस्त को स्‍थगित किया गया, जब मामले को एक विविध दिन पर लिस्ट किया गया।

पांचवी बार 5 सितंबर को याचिकाकर्ता के अनुरोध पर स्‍‌थगित किया गया। छठीं बार 12 सितंबर को अदालत की ओर से छुट्टी दिए जाने पर स्‍थगन दिया गया। सातवीं बार 12 अक्टूबर को समय की कमी के कारण स्‍थगित किया गया। इसके बाद 31 अक्टूबर को स्‍थगन दिया गया और आज स्‍थगन दिया गया है।

खालिद की याचिका पर जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने नोटिस जारी किया था। बाद में जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा के इनकार के बाद मामला जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच को सौंपा गया था। बाद में मामले को वर्तमान पीठ को ट्रांसफर कर दिया गया।

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