शिवसेना (यूबीटी) ने महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनावों से पहले सुप्रीम कोर्ट में चुनाव चिन्ह विवाद पर तत्काल सुनवाई की मांग की

Update: 2025-05-07 06:37 GMT

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया कि वह एकनाथ शिंदे समूह को आधिकारिक शिवसेना के रूप में मान्यता देने और उन्हें 'धनुष और बाण' चुनाव चिन्ह देने के भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका पर तत्काल सुनवाई करे।

सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष यह अनुरोध किया, क्योंकि न्यायालय ने कल यानी मंगलवार को महाराष्ट्र स्थानीय निकाय चुनाव कराने का आदेश दिया था।

कपिल सिब्बल ने कहा,

"आपने कहा है कि स्थानीय निकाय चुनाव कराए जाएं। अब इसकी तत्काल आवश्यकता है।"

सिब्बल ने कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के 2023 के संविधान निर्णय पर भरोसा कर रहे हैं, जिसमें कहा गया था कि विधायी बहुमत को यह तय करने के लिए मानदंड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता कि कौन-सा गुट असली पार्टी है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने केवल विधायी बहुमत के परीक्षण के आधार पर निर्णय लिया।

हालांकि, जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि छुट्टियों से पहले मामले की सुनवाई संभव नहीं हो सकती। सिब्बल ने तब कहा कि वह संविधान पीठ के फैसले के अलावा किसी और चीज पर भरोसा नहीं कर रहे हैं।

जस्टिस कांत ने बताया कि अब शिवसेना (यूबीटी) के पास एक चुनाव चिह्न है, उन्होंने पूछा कि वे उसके आधार पर चुनाव क्यों नहीं लड़ सकते।

जस्टिस कांत ने कहा,

"आप सभी के पास एक चुनाव चिह्न है, चुनाव लड़िए।"

सिब्बल ने इस पर कहा,

"लेकिन उनके पास शिवसेना का मूल चुनाव चिह्न है।"

जस्टिस कांत ने जब कहा कि उनका अधिकार याचिका के नतीजे के अधीन होगा तो सिब्बल ने कहा,

"इस बीच, चुनाव होंगे। एनसीपी मामले में यह राहत दी गई थी!"

जस्टिस कांत ने जवाब दिया कि एनसीपी मामले में न्यायालय ने एक अंतरिम व्यवस्था की थी और बहुत सी शर्तें रखी थीं।

जस्टिस कांत ने कहा,

"चुनाव सुचारू रूप से होने दें। स्थानीय निकायों में ज्यादातर मतदाता किसी चुनाव चिह्न का समर्थन नहीं करते हैं।"

सिब्बल ने जब कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू किया जाना चाहिए तो जस्टिस कांत ने कहा,

"मैंने इसे [...] कोण से नहीं देखा है...हम पता लगाने की कोशिश करेंगे। अगर यह इतना जरूरी है तो हम छुट्टियों में सूचीबद्ध कर सकते हैं।"

केस टाइटल: सुनील प्रभु बनाम एकनाथ शिंदे और अन्य। | विशेष अनुमति याचिका (सिविल) संख्या 1644-1662 2024

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