मनी लॉन्ड्रिंग अपराध के लिए अग्रिम जमानत आवेदनों के लिए पीएमएलए की धारा 45 की शर्तें लागू: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया कि जमानत देने के लिए धन शोधन निवारण (पीएमएलए) अधिनियम की धारा 45 के तहत शर्तें आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 438 के तहत अग्रिम जमानत याचिकाओं पर भी लागू होती हैं।
जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस सीटी रविकुमार की खंडपीठ ने तेलंगाना हाईकोर्ट के आदेश को रद्द करते हुए यह अवलोकन किया, जिसमें कहा गया कि पीएमएलए की धारा 45 की कठोरता अग्रिम जमानत आवेदनों पर लागू नहीं होती है।
खंडपीठ ने कहा कि हाईकोर्ट ने निकेश ताराचंद शाह बनाम भारत संघ और अन्य सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत समझा; (2018) 11 एससीसी 1 का मानना है कि पीएमएलए धारा 45 की कठोरता सीआरपीसी की धारा 438 पर लागू नहीं होती है।
खंडपीठ ने यह भी कहा कि सहायक निदेशक प्रवर्तन निदेशालय बनाम डॉ वीसी मोहन में यह स्पष्ट किया गया कि पीएमएलए धारा 45 और सीआरपीसी की धारा 438 सीआरपीसी पर लागू होगी।
खंडपीठ ने कहा,
"हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां कि अधिनियम, 2002 की धारा 45 के प्रावधान सीआरपीसी की धारा 438 के तहत आवेदन के संबंध में लागू नहीं होंगे, डॉ. वी.सी. मोहन (सुप्रा) के मामले में निर्णय के ठीक विपरीत है। यही निकेश ताराचंद शाह (उपरोक्त) के मामले में की गई टिप्पणियां की गलतफहमी पर है। एक बार अधिनियम, 2002 की धारा 45 के तहत कठोरता लागू होने के बाद हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत देने वाले आक्षेपित निर्णय और आदेश लागू होंगे। प्रतिवादी नंबर 1 अस्थिर है।"
पीएमएलए की धारा 45 के तहत शर्तें बताती हैं कि मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जब कोई आरोपी जमानत के लिए आवेदन करता है तो अदालत को पहले सरकारी वकील को सुनवाई का मौका देना होता है। अगर सरकारी वकील विरोध करता है तो अदालत जमानत तभी दे सकती है जब वह संतुष्ट है कि अभियुक्त दोषी नहीं है और जब वह जमानत पर है तो समान अपराध करने की संभावना नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदनलाल चौधरी बनाम भारत संघ के मामले में इन शर्तों को बरकरार रखा।
केस टाइटल: प्रवर्तन निदेशालय बनाम एम. गोपाल रेड्डी और अन्य
साइटेशन: लाइवलॉ (एससी) 138/2023
मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम 2002 - धारा 45 - धारा 45 के तहत कठोरता अग्रिम जमानत आवेदनों पर लागू होती है - पैरा 5
आपराधिक प्रक्रिया संहिता - धारा 438 - मनी लॉन्ड्रिंग अपराध के लिए अग्रिम जमानत आवेदन पीएमएलए की धारा 45 की कठोरता को पूरा करना चाहिए - हाईकोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियां कि अधिनियम, 2002 की धारा 45 के प्रावधान आवेदन के संबंध में लागू नहीं होंगे। सीआरपीसी की धारा 438 सहायक निदेशक प्रवर्तन निदेशालय बनाम डॉ वीसी मोहन के मामले में निर्णय के ठीक विपरीत है और वही निकेश ताराचंद शाह बनाम भारत संघ और अन्य के मामले में की गई टिप्पणियों की गलतफहमी पर है; (2018) 11 एससीसी 1 - पैरा 5
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