राष्ट्रपति ने तीन महिला न्यायाधीशों सहित सुप्रीम कोर्ट में नौ न्यायाधीशों की नियुक्ति को लेकर अधिसूचना जारी की

Update: 2021-08-26 09:34 GMT

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिशों को स्वीकार करते हुए भारत के राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट में तीन महिलाओं और एक वकील सहित नौ न्यायाधीशों की नियुक्ति से संबंधित अधिसूचना जारी की है।

नए न्यायाधीश हैं (सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों के क्रम में)

1. न्यायमूर्ति ए.एस. ओका, मुख्य न्यायाधीश, कर्नाटक हाईकोर्ट

2. न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, मुख्य न्यायाधीश, गुजरात हाईकोर्ट

3. न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी, मुख्य न्यायाधीश, सिक्किम हाईकोर्ट

4. न्यायमूर्ति हिमा कोहली, मुख्य न्यायाधीश, तेलंगाना हाईकोर्ट

5. न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्ना, न्यायाधीश, कर्नाटक हाईकोर्ट

6. न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार, न्यायाधीश, केरल हाईकोर्ट

7. न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश, न्यायाधीश, मद्रास हाईकोर्ट

8. न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी, न्यायाधीश, गुजरात हाईकोर्ट

9. पी.एस. नरसिम्हा, वरिष्ठ अधिवक्ता

यह भारत के इतिहास में पहली बार है कि एक बार में तीन महिला न्यायाधीशों को सुप्रीम कोर्ट में नियुक्त किया गया है।

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम में मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना, जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस एएम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव शामिल हैं। इन्होंने 19 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए उपर्युक्त नौ नामों की सिफारिश की थी।

वरिष्ठता के अनुसार, न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना सितंबर 2027 में भारत की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बनने की कतार में हैं।

करीब दो साल बाद सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियां

सितंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति हुई थी।

सुप्रीम कोर्ट वर्तमान में 34 की स्वीकृत संख्या में से 24 न्यायाधीशों के साथ काम कर रहा है।

इन नौ नियुक्तियों के साथ कोर्ट की कार्य शक्ति 33 न्यायाधीशों तक बढ़ जाएगी। इसके बाद एक पद रिक्त रह जाएगा। 

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