'राजनीतिक रूप से तटस्थ' CAG की नियुक्ति हेतु तंत्र की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, वर्तमान CAG की नियुक्ति पर सवाल

Update: 2025-08-15 11:59 GMT

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) के रूप में के. संजय मूर्ति की नियुक्ति पर सवाल उठाते हुए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई। साथ ही इस उच्च संवैधानिक पद पर "राजनीतिक रूप से तटस्थ व्यक्ति" की नियुक्ति के लिए केंद्र द्वारा एक पारदर्शी तंत्र तैयार करने की मांग की गई।

गैर-सरकारी संगठन 'लोक प्रहरी' द्वारा जनहित में दायर की गई इस याचिका में यह घोषित करने की मांग की गई कि CAG की नियुक्ति की मौजूदा चयन प्रक्रिया संविधान सभा के आदेश के विरुद्ध है और संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है।

याचिकाकर्ता ने के. संजय मूर्ति (प्रतिवादी नंबर 3) की CAG के रूप में नियुक्ति को 'प्रथम दृष्टया मनमाना और दुर्भावनापूर्ण' बताते हुए उस पर भी सवाल उठाया। वह केंद्र को CAG के रूप में राजनीतिक रूप से तटस्थ व्यक्ति की नियुक्ति के लिए उचित पारदर्शी और वस्तुनिष्ठ प्रक्रिया निर्धारित करने का निर्देश देने की मांग कर रहे हैं।

मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने सेंटर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटिगेशन (CPIL) द्वारा दायर जनहित याचिका पर नोटिस जारी किया, जिसमें यह निर्देश देने की मांग की गई कि CAG की नियुक्ति प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) की स्वतंत्र समिति द्वारा की जाए।

CPIL का तर्क है कि केंद्र सरकार द्वारा अकेले CAG का चयन करने की वर्तमान प्रणाली उनकी स्वतंत्रता में बाधा डालती है।

Case Title: LOK PRAHARI THROUGH ITS GENERAL SECRETARY S N SHUKLA, I.A.S. (RETD.), ADVOCATE Versus UNION OF INDIA AND ORS., Diary No. 17740-2025

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