दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा, चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया केस में चिदंबरम के ज़मानत आदेश में कट पेस्ट नहीं था

Update: 2019-11-18 16:16 GMT

दिल्ली उच्च न्यायालय ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पी चिदंबरम की जमानत खारिज करने के आदेश में रोहित टंडन के मामले में फैसले से कोई 'कट-पेस्ट' नहीं था।

न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत ने 17 नवंबर को "द हिंदू" द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट पर सू मोटो नोटिस लेने के बाद यह स्पष्टीकरण जारी किया। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि चिदंबरम के मामले में 15 नवंबर को दिए गए आदेश में रोहित टंडन के मामले के कुछ तथ्यों को कॉपी किया था।

न्यायमूर्ति कैत ने स्पष्ट किया कि रोहित टंडन बनाम प्रवर्तन निदेशालय मामले में जमानत आदेश का पैराग्राफ 34 अदालत द्वारा की गई टिप्पणियों के संदर्भ में था।

अदालत ने यह भी कहा कि यह कहीं उल्लेख नहीं था कि पैराग्राफ 35 में तथ्यों को पी चिदंबरम के मामले में लिया गया है, इसलिए अदालत ने कहा कि तथाकथित रूप से कोई "कट और पेस्ट" नहीं था। न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि अनुच्छेद 35 को रोहित टंडन के मामले के संदर्भ में पढ़ा जाना चाहिए।

कोर्ट ने कहा,

"यह कहीं नहीं उल्लेख किया गया है कि पैरा 35 में किए गए अवलोकन वर्तमान मामले (पी चिदंबरम के मामले) के हैं। इस प्रकार कथित रूप से कोई कट-पेस्ट नहीं है और मैं इसके द्वारा यह स्पष्ट करता हूं कि पैरा 35 में किए गए अवलोकन रोहित टंडन बनाम प्रवर्तन निदेशालय के मामले तक ही सीमित हैं और इसे इसी रूप में पढ़ा जाना चाहिए। " 

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