सुप्रीम कोर्ट के लॉयर्स चैम्बर्स को COVID रोगियों के लिए सुविधा केंद्र के रूप मे प्रयोग करेः SCBA, SCAORA को सुप्रीम कोर्ट के वकील की सलाह

Update: 2021-04-25 05:11 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट की एडवोकेट शोभा गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (SCBA) और सुप्रीम कोर्ट एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड एसोसिएशन (SCAORA) को सुझाव दिया है कि अप्पू घर में बने सुप्रीम कोर्ट के वकीलों के नए चैम्बर को, जो अभी खाली पड़े हैं, संबंधित सरकार (केंद्र या राज्य) को COVID उपचार सुविधा के रूप में उपयोग करने का प्रस्ताव दिया जाए।

उन्होंने यह सुझाव भी दिया है कि एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क, जहां SCBA, SCAORA और बार के अन्य सदस्य छोटी-छोटी टीमों और ‌शिफ्टों में सूचना और संयोजन केंद्र का प्रभार ले सकते हैं, जहां विभिन्न अस्पतालों/ मेडिकल शॉप्स/ऑक्सीजन और दवाओं के आपूर्तिकर्ता/ पुलिस / एसडीएम कार्यालय, आदि लिंक स्‍थापित कर सूचनाए इकट्ठा की जाएं।

उल्लेखनीय है कि गुजरात हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट ऑडिटोरियम को COVID देखभाल केंद्र के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी है।

नीचे पूरा पत्र पढ़ें-

"दिनांक: 24.04.2021

सेवा,

(I) अध्यक्ष,

SCBA, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया

नई दिल्ली -110001।

(II) अध्यक्ष,

SCAORA, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया,

नई दिल्ली -110001।

विषय: आकस्‍मिक पत्र

श्रीमान,

आशा है कि आप दोनों और आपके परिजन स्वास्थ्य होंगे।

श्रीमान,

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि ये हम सभी के लिए कठिन क्षण हैं। हर पल बुरी खबर आ रही है। पूरा देश, मानो सुनामी पर बैठा हो। SCBA और SCAORA, हमारी बार के चुने हुए प्रमुखों के रूप में, आप दोनों के नेतृत्व में हमारे प्रतिनिधि निकाय के रूप में असाधारण कार्य कर रहा है। यह एक असाधारण स्थिति है, जिसमें असाधारण उपायों की आवश्यकता है। पिछले साल इसी समय मैंने अपने लेख (असाधारण परिस्थितियों में लीगल कम्यूनिटी की ओर से असाधारण पहल की आवश्यकता, livelaw.in में प्रकाशित) और SCBA को लिख पत्र में अनुरोध किया था कि बार और न्यायिक प्रणाली के रूप में इन इन असाधारण परिस्थितियों में समाज के प्रति हमारी भी भूमिका है। राज्य, अकेले सभी आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम नहीं है।

सर, सभी की तरह, हमें भी कोविड रोगियों के लिए बिस्तर की आवश्यकता के संबंध में कई कॉल आ चुकी हैं, कॉल करने वालों में बार के सदस्य भी शामिल हैं। शहर के लगभग हर दूसरे घर में फिलहाल एक कोविड रोगी है। इसी तरह, प्लाज्मा, रेमेडिसविर, ऑक्सीजन, तीनों चीजों की मांग बहुत ज्यादा है। स्थिति बेहद चिंताजनक और भयानक है। कम से कम हम यह कर सकते हैं कि हम समाज को अपनी क्षमता के अनुसार जो कुछ भी दे सकते हैं, वह दें। यह एक कठोर सच्‍चई है कि शहर में बेड की भारी कमी है।

सर, जैसा कि आप (दोनों) जानते हैं, हमारे पास एक विशाल भवन है, जो वकीलों के चैम्बर के लिए है और खाली पड़ा है। संयोग से, वहां कोई फर्नीचर नहीं है, क्योंकि चैम्बर्स में बार सदस्यों को आना अभी बाकी है।

मैं आपसे अनुरोध करूंगी कि कुछ महीनों के लिए अस्थायी रूप से अप्पू घर, नई दिल्ली स्‍थ‌िति उक्त भवन का उपयोग बिस्तर की सुविधा, आईसीयू सुविधा, साथ ही कोविड रोगियों की देखभाल कर रहे डॉक्टरों के घर के रूप में उपयोग करने के लिए संबधित सरकार (यह राज्य या केंद्र की सरकार हो सकती है), को देने की संभावना पर विचार करने के लिए भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश और चैम्बर समिति के माननीय न्यायाधीशों के साथ चर्चा करें। हम सुप्रीम कोर्ट के बार के रूप में आगे बढ़कर नेतृत्व करेंगे। संयोग से हमारे पास एक खाली इमारत है, जिसका उपयोग निश्चित रूप से कई लोगों की जान बचाने के लिए किया जा सकता है।

इसी प्रकार, मैं आपसे एक ऑनलाइन हेल्प डेस्क स्थापित करने का अनुरोध करूंगी, जहां SCBA और SCAORA के सदस्य और बार के अन्य सदस्य छोटी-छोटी टीमों में सूचना और समन्वय केंद्र का प्रभार ले सकते हैं और विभिन्न अस्पतालों / मेडिकल दुकानों / ऑक्सीजन और दवाइयों के आपूर्तिकर्ताओं/ पुलिस / एसडीएम कार्यालय आदि के साथ लिंक स्थापित करके जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

हम भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश या सुप्रीम कोर्ट डिस्पेंसरी या चिकित्सा सुविधा समिति के माननीय न्यायाधीश प्रभारी से उनके सहयोग के लिए अनुरोध कर सकते हैं। यह हमारे सदस्यों को एक फोन कॉल पर आवश्यक और समय पर सहायता प्राप्त करने में मदद करेगा...। टीम कॉल, व्हाट्सएप, ईमेल आदि पर उपलब्ध होगी। हम समय-समय पर अपडेट की गई सभी सूचनाओं को एक समर्पित पोर्टल या नियमित वेबसाइट पर डाल देंगे।

मुझे यकीन है, आप मेरा यह पत्र असाधारण आग्रह के साथ लेंगे और को कोविद रोगियों के लिए शिफ्ट इमारत को अस्पताल के रूप में इस्तेमाल करने और हेल्प डेस्क स्थापित करने की दिशा में सकारात्मक रूप से कार्य करेंगे। प्रत्येक जीवन महत्वपूर्ण है। हम सभी समाज के लिए अधिकतम योगदान दे सकते हैं। हम जितना बचा सकते हैं, उसे बचाएं। मैं सभी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करती हूं। सुरक्षित रहें।

आपको धन्यवाद,

आपका विश्वासपात्र,

(एडवोकेट शोभा गुप्ता)

कॉपी:

1. ऑनरेबल चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया, नई दिल्ली -110001"

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