सड़क दुर्घटना - यदि अलग- अलग राज्यों में दावे किए गए हैं तो बाद वाले उस ट्रिब्यूनल में ट्रांसफर होंगे जहां पहला दावा दायर हुआ था : सुप्रीम कोर्ट

Update: 2023-01-01 10:10 GMT

Supreme Court Of India

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि कई दावेदारों वाले मोटर दुर्घटना के मामले में, यदि दावेदार अलग-अलग हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र के ट्रिब्यूनलों में अलग-अलग दावा याचिका दायर करते हैं, तो पहली दावा याचिका को सुनवाई योग्य माना जाना चाहिए और बाद की दावा याचिकाओं को उस ट्रिब्यूनल में स्थानांतरित कर दिया जाना चाहिए जहां पहली याचिका दायर की गई थी। ऐसी बाद की दावा याचिकाओं के स्थानांतरण के लिए सुप्रीम कोर्ट

में कोई स्थानांतरण याचिका दायर करने की आवश्यकता नहीं है। न्यायालय ने आगे सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरलों को इस संबंध में उचित निर्देश पारित करने का निर्देश दिया।

जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने गोहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम और अन्य 2022 लाइवलॉ ( SC) 1040 मामले में यह निर्देश पारित किया।

जैसा कि फैसले में कहा गया है:

" यदि मृतक के दावेदार( रों) या कानूनी प्रतिनिधि(यों) ने अलग-अलग हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग दावा याचिका( एं) दायर की हैं, उक्त स्थिति में, दावेदार(ओं) / कानूनी प्रतिनिधि द्वारा दायर की गई पहली दावा याचिका को दावा ट्रिब्यूनल द्वारा सुनवाई योग्य माना जाएगा और बाद की दावा याचिकाएं दावा ट्रिब्यूनल को स्थानांतरित कर दी जाएंगी जहां पहली दावा याचिका दायर की गई थी और लंबित थी। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि दावेदार(ओं) विभिन्न हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में दायर अन्य दावा याचिकाओं के हस्तांतरण की मांग करते हुए इस न्यायालय के समक्ष आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल इस संबंध में उचित कदम उठाएंगे और इस न्यायालय के निर्देश पर उचित आदेश पारित करेंगे।"

पीठ ने पुलिस को पहली दुर्घटना रिपोर्ट के पंजीकरण और बीमा कंपनियों को निपटान प्रक्रिया के संबंध में कई दिशा-निर्देश भी जारी किए। इस रिपोर्ट में उन पहलुओं पर अधिक पढ़ा जा सकता है


केस : गोहर मोहम्मद बनाम उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम व अन्य | 2022 की सिविल अपील संख्या 9322

साइटेशन: 2022 लाइवलॉ (SC) 1040

हेडनोट्स

मोटर वाहन अधिनियम 1988 - धारा 159 - मोटर वाहन दुर्घटना के तुरंत बाद पुलिस द्वारा पहली दुर्घटना रिपोर्ट के तत्काल पंजीकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट ने कई दिशा-निर्देश जारी किए - कोर्ट ने सभी राज्यों के पुलिस विभाग को एक विशेष इकाई विकसित करने और एमवी संशोधन अधिनियम और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए तीन महीने के भीतर प्रत्येक थाने में प्रशिक्षित पुलिस अधिकारी तैनात करने का निर्देश दिया

मोटर वाहन अधिनियम 1988 - धारा 149 - जनरल इंश्योरेंस काउंसिल और सभी बीमा कंपनियों को निर्देशित किया जाता है कि वे एम वी संशोधन अधिनियम और संशोधित नियम की धारा 149 के शासनादेश का पालन करने के लिए उचित निर्देश जारी करें।

मोटर वाहन अधिनियम 1988 - यदि मृतक के दावेदार( रों) या कानूनी प्रतिनिधि(यों) ने अलग-अलग हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में अलग-अलग दावा याचिका( एं) दायर की हैं, उक्त स्थिति में, दावेदार(ओं) / कानूनी प्रतिनिधि द्वारा दायर की गई पहली दावा याचिका को दावा ट्रिब्यूनल द्वारा सुनवाई योग्य माना जाएगा और बाद की दावा याचिकाएं दावा ट्रिब्यूनल को स्थानांतरित कर दी जाएंगी जहां पहली दावा याचिका दायर की गई थी और लंबित थी। यहां यह स्पष्ट किया जाता है कि दावेदार(ओं) विभिन्न हाईकोर्ट के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में दायर अन्य दावा याचिकाओं के हस्तांतरण की मांग करते हुए इस न्यायालय के समक्ष आवेदन करने की आवश्यकता नहीं है। हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल इस संबंध में उचित कदम उठाएंगे और इस न्यायालय के निर्देश पर उचित आदेश पारित करेंगे।

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