Manipur Violence| सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गीता मित्तल समिति का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ाया

सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस गीता मित्तल समिति का कार्यकाल 31 जुलाई तक बढ़ा दिया। समिति वर्तमान में मणिपुर में जातीय हिंसा के कई मानवीय पहलुओं को संभाल रही है।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि CBI द्वारा संभाले जा रहे यौन हिंसा के मामले, जिन्हें प्री-ट्रायल चरणों के लिए असम स्थानांतरित किया गया, गुवाहाटी की अदालतों में ही सुनवाई होगी।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने निम्नलिखित आदेश पारित किया:
"जम्मू और कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व चीफ जस्टिस जस्टिस गीता मित्तल की अध्यक्षता वाली समिति का कार्यकाल 31 जुलाई, 2025 तक बढ़ाया जाता है।"
पीठ ने यह भी निर्देश दिया कि समिति की रिपोर्ट सरकार को भी दी जाए, सिवाय उन रिपोर्टों के जिनमें संवेदनशील विषय हो सकते हैं। एमिक्स क्यूरी के रूप में नियुक्त सीनियर एडवोकेट विभा मखीजा ने समिति का प्रतिनिधित्व किया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता केंद्र की ओर से पेश हुए। एडवोकेट निजाम पाशा भी आदिवासी समूहों/पीड़ितों की ओर से पेश हुए।
न्यायालय ने अगस्त, 2023 के अपने पिछले आदेश को भी स्पष्ट किया, जिसमें उसने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा संभाले गए यौन हिंसा के मामलों को प्री-ट्रायल स्टेज के लिए असम स्थानांतरित करने का निर्देश दिया था। पीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि ऐसे मामलों की सुनवाई जो गुवाहाटी स्थानांतरित किए गए, वहीं होगी।
पीठ ने कहा,
"हम स्पष्ट करते हैं कि स्थानांतरित किए गए मामलों की सुनवाई गुवाहाटी में संबंधित अदालतों के समक्ष होगी।"
यह स्पष्टीकरण राज्य में जातीय संघर्षों में तय किए गए कुछ आरोपों के संबंध में याचिकाकर्ता द्वारा दायर अभियोग आवेदन की सुनवाई के दौरान आया। याचिकाकर्ता ने बताया था कि आरोपपत्र दायर किए जाने के बावजूद गुवाहाटी कोर्ट ने संज्ञान नहीं लिया और अभी तक सुनवाई शुरू नहीं हुई।
राज्य में चल रहे जातीय संघर्षों के बीच जलाई गई, लूटी गई या अतिक्रमण की गई संपत्तियों की सूची दाखिल करने के लिए केंद्र को अतिरिक्त रूप से 3 सप्ताह का समय दिया गया। 9 दिसंबर को न्यायालय ने केंद्र सरकार को सीलबंद लिफाफे में सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।
अब इस मामले की सुनवाई 21 जुलाई को होगी।
केस टाइटल: डिंगंगलुंग गंगमेई बनाम मुटुम चुरामणि मीतेई और अन्य। | डायरी संख्या - 19206/2023