मनी लॉन्ड्रिंग मामले में नवाब मलिक की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'बॉम्बे हाईकोर्ट को सुनवाई करने दें'

Update: 2023-05-16 07:37 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री नवाब मलिक की याचिका को जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया। मलिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के बाद 23 फरवरी, 2022 से जेल में हैं।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मलिक की जमानत अर्जी को 6 जून तक के लिए स्थगित कर दिया था, जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। यह देखते हुए कि हाईकोर्ट को दरकिनार नहीं किया जा सकता, सुप्रीम कोर्ट ने मलिक की याचिका को स्थगित कर दिया।

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने कहा कि इस बीच मामले को उठाने के लिए हाईकोर्ट स्वतंत्र होगा।

मलिक की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल की अनुपलब्धता के आधार पर हाईकोर्ट में में जमानत अर्जी स्थगित होने पर नाराज़गी व्यक्त की।

एएसजी एसवी राजू ने भरोसा दिलाया कि ईडी अगले सप्ताह तैयार हो जाएगी। सिब्बल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मलिक स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित हैं। सिब्बल ने कहा, "उनकी हालत देखिए।"

सिब्बल ने पीठ को यह निर्दिष्ट करने के लिए राजी किया कि मामले की सुनवाई अगले सप्ताह हाईकोर्ट द्वारा की जाए।

सिब्बल ने कहा, "इसे अगले सप्ताह क्यों नहीं लिया जा सकता? वह (एएसजी) कह रहे हैं कि वे अगले सप्ताह तैयार हैं।" हालांकि, बेंच ने हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए कोई तारीख नहीं बताई।"

प्रवर्तन निदेशालय ने मलिक को पिछले साल फरवरी में यह आरोप लगाते हुए गिरफ्तार किया था कि उसने 1999-2006 के बीच वैश्विक आतंकवादी दाऊद इब्राहिम की दिवंगत बहन हसीना पारकर की मदद से कुर्ला में एक संपत्ति हड़प ली थी। एजेंसी का मामला है कि चूंकि पारकर ने गैंगस्टरों के अवैध कारोबार को संभाला था, इसलिए पैसे का इस्तेमाल अंततः आतंकी फंडिंग के लिए किया गया था।

विशेष अदालत द्वारा 30 नवंबर, 2022 को जमानत देने से इनकार करने के बाद मलिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

फरवरी में बॉम्बे हाईकोर्ट को जब बताया गया ‌कि एनसीपी नेता नवाब मलिक गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं तो कोर्ट ने पूछा था कि धन शोधन निवारण अधिनियम की धारा 45 के बावजूद जमानत कैसे दी जा सकती है?

धारा 45 मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में आरोपी को जमानत देने के लिए कड़ी शर्तों का प्रावधान करती है।

केस टाइटल: मोहम्मद नवाब मलिक बनाम महाराष्ट्र राज्य | एसएलपी [सीआरएल] 6056/2023

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