Lawrence Bishnoi Interview Case : सुप्रीम कोर्ट ने किया सवाल- 'रिपोर्टर जेल में कैसे घुसा?' पंजाब के पूर्व DSP ने वापस ली याचिका

Update: 2025-06-25 05:25 GMT

CrPC की धारा 41ए के तहत नोटिस जारी करने के खिलाफ बर्खास्त पंजाब DSP गुरशेर सिंह संधू द्वारा दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट ने आज सवाल किया कि जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में आरोपी) का इंटरव्यू करने वाला एबीपी रिपोर्टर पंजाब जेल में कैसे घुसा।

जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की और इसे वापस लिया हुआ मानते हुए खारिज कर दिया। साथ ही यह भी देखा कि कि संधू द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के समक्ष दायर इसी तरह की याचिका 3 जुलाई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है।

संक्षेप में मामला

संधू ने हाईकोर्ट के समक्ष याचिका दायर की, जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ उन्हें जारी की गई CrPC की धारा 41ए नोटिस रद्द करने और आगे कोई दंडात्मक कार्रवाई न करने का निर्देश देने की मांग की गई। 4 जून को हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित किया, जिसमें खरड़ के CIA सुविधा से बिश्नोई के इंटरव्यू पर दर्ज FIR में संधू को आरोपी के रूप में प्रस्तुत करने के समर्थन में सबूत मांगे गए, एक सीलबंद लिफाफे में।

इस आदेश में हाईकोर्ट ने उल्लेख किया कि संधू को आरोपी के रूप में नामित करने वाली सामान्य डायरी प्रविष्टि में इसके कारणों का उल्लेख नहीं किया गया। इसके बाद पूर्व DSP ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

सीनियर एडवोकेट विक्रम चौधरी ने संधू की ओर से पेश हुए और प्रस्तुत किया कि जब मामला हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है तो पूर्व DSP असुरक्षित हो गए हैं, क्योंकि उन्हें CrPC की धारा 41 ए के तहत पेश होने के लिए नोटिस जारी किए जा रहे हैं।

चौधरी ने कहा,

"समस्या यह है कि वे कह रहे हैं कि [धारा] 41 ए का अब उल्लंघन किया गया..."

सीनियर एडवोकेट ने आगे तर्क दिया कि संधू के पास प्रासंगिक समय पर बिश्नोई तक पहुंच नहीं थी और इंटरव्यू आयोजित करने वाले व्यक्ति को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतरिम संरक्षण दिया गया।

उन्होंने कहा,

"स्थगन आदेश लागू है... कोई बलपूर्वक कदम नहीं उठाया गया..."

जवाब में जस्टिस विश्वनाथन ने कहा,

"वे पिछली रात प्रेस प्रभारी हैं...[...], आप वहां थे...वे इंटरव्यू करने के लिए जेल में कैसे पहुंचे? आप बस हाईकोर्ट में पेश हों।"

अंततः, चूंकि मुख्य याचिका 3 जुलाई को हाईकोर्ट के समक्ष आने वाली है, इसलिए मामला वापस ले लिया गया।

चौधरी ने जब आग्रह किया कि अंतरिम/अंतिम राहत का फैसला हाईकोर्ट पर छोड़ा जा सकता है, तो खंडपीठ ने आदेश में कहा,

"प्रश्न हाईकोर्ट द्वारा विचार किए जाने के लिए खुले हैं।"

Case Title: GURSHER SINGH SANDHU Versus STATE OF PUNJAB AND ANR., SLP(Crl) No. 9140/2025

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