झारखंड के जज की हत्या का मामला: सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया; जांच की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए

Update: 2021-07-30 07:15 GMT

सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को झारखंड के न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में स्वत: संज्ञान लिया। अतिरिक्त जिला न्यायाधीश (एडीजे) उत्तम आनंद की बुधवार (28 जुलाई) को धनबाद में दिनदहाड़े एक वाहन की चपेट में आने से मौत हो गई।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमाना की अध्यक्षता वाली पीठ ने मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक झारखंड को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वोच्च न्यायालय झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष कार्यवाही में हस्तक्षेप नहीं कर रहा है।

स्वत: संज्ञान मामले को "इन री सेफगार्डिंग कोर्ट्स एंड प्रोटेक्टिंग जज (अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की मृत्यु, धनबाद)" नाम दिया गया है।

इस घटना एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। इन फुटेज में देखा जा सकता है कि आनंद सुबह की सैर पर निकले थे, जब धनबाद मजिस्ट्रेट कॉलोनी के पास एक वाहन ने उन्हें जानबूझकर टक्कर मार दी।

सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने गुरूवार को झारखंड के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत को सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाया और सीबीआई जांच की मांग की थी और अदालत से स्वत: संज्ञान लेने का आग्रह किया था।

एडवोकेट विकास सिंह ने पीठ के समक्ष प्रस्तुत किया था कि,

"यह एक ऐसा मामला है जिसे सीबीआई के पास जाना चाहिए। स्थानीय पुलिस आमतौर पर ऐसे मामलों में शामिल होती है। यह चौंकाने वाला है। एक न्यायाधीश सुबह की सैर पर जाता है और एक वाहन से टकरा जाता है। वे गैंगस्टरों से संबंधित जमानत अर्जी पर सुनवाई रहे थे। यह न्यायिक स्वतंत्रता पर हमला है।"

सीजेआई ने तब कहा था कि चूंकि झारखंड उच्च न्यायालय ने पहले ही घटना का संज्ञान ले लिया है, इसलिए सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।

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