'भारत' को 'इंडियन स्टेट एंड जम्मू-कश्मीर' कहना गलत: शब्बीर शाह की जमानत याचिका पर सॉलिसिटर जनरल की आपत्ति
कश्मीरी अलगाववादी नेता शब्बीर अहमद शाह की ज़मानत याचिका की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में “Indian State and Jammu and Kashmir” शब्दों के इस्तेमाल पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि कोई भी “Indian State and Jammu and Kashmir” नहीं कह सकता, बल्कि केवल “India” कहा जाना चाहिए।
मेहता का यह बयान, ऐसा प्रतीत होता है कि, शाह के 1990 के दशक के पुराने भाषणों के संदर्भ में था। जब याचिकाकर्ता की ओर से यह कहा गया कि शाह “बहुत बीमार” हैं, तो SG ने व्यंग्य करते हुए कहा, “वो बीमार हैं, यही तो समस्या है।”
जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की खंडपीठ इस मामले की सुनवाई कर रही थी, जो आतंकी फंडिंग मामले में शाह की ज़मानत याचिका से संबंधित है। इससे पहले अदालत ने उन्हें अंतरिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया था।
सुनवाई के दौरान SG ने अदालत को बताया कि NIA ने आज अपना काउंटर-अफिडेविट दाखिल कर दिया है, जिसके बाद अदालत ने शाह को जवाब दाखिल करने के लिए समय दिया और कहा, “हम इस मामले की सुनवाई 14 नवंबर को करेंगे।”
शाह की ओर से सीनियर एडवोकेट कॉलिन गोंसाल्वेस ने कहा कि उनका मुवक्किल अस्वस्थ है, इसलिए मामला सोमवार को सुना जाए। लेकिन जस्टिस नाथ ने संकेत दिया कि यह मामला तय तारीख 14 नवंबर को ही सूचीबद्ध किया जाएगा।
सुनवाई की शुरुआत में SG ने शाह के इस दावे का भी विरोध किया कि वे 30 साल से जेल में हैं, यह “तथ्यात्मक रूप से गलत” है। उन्होंने कहा, “वो सिर्फ 51 दिन से जेल में हैं।” इस पर गोंसाल्वेस ने जवाब दिया,
“एक व्यक्ति जो 39 साल से जेल में है, उसे आप कहते हैं 51 दिन? हम सुनवाई में साबित करेंगे कि वो कितने साल जेल में रहे हैं।”
SG की “Indian State and Jammu and Kashmir” वाले शब्दों पर आपत्ति पर गोंसाल्वेस ने कहा,
“तो क्या आपने उन्हें सिर्फ 'Indian State and Jammu and Kashmir' कहने के लिए 39 साल जेल में रखा है? न कोई गोलीबारी, न कोई हिंसा, न कोई भड़काऊ भाषण।”