सुप्रीम कोर्ट ने PMLA मामले में बिहार के ठेकेदार की ED गिरफ्तारी पर लगाई रोक
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (17 अक्टूबर) को धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा बिहार स्थित ठेकेदार रिशु श्री की गिरफ्तारी पर रोक लगाई।
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की खंडपीठ ने ED के खिलाफ रिशु श्री द्वारा दायर रिट याचिका पर विचार करने से इनकार करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया। खंडपीठ ने याचिकाकर्ता को राहत के लिए हाईकोर्ट जाने को कहा और ED की किसी भी दंडात्मक कार्रवाई पर 10 नवंबर तक रोक लगाई।
याचिकाकर्ता की ओर से सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी ने दलील दी कि रिट याचिका इसलिए दायर की गई, क्योंकि पीएमएलए के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी गई।
ED के अनुसार रिशु श्री जिनकी कंपनियां बिहार सरकार के विभिन्न विभागों जैसे जल संसाधन, स्वास्थ्य, लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, शहरी विकास, बिहार शहरी अवसंरचना विकास निगम (BUIDCO) शिक्षा, भवन एवं निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग में ठेकेदार/उपठेकेदार के रूप में काम करती हैं, पर अवैध व्यक्तिगत लाभ के लिए निविदाओं को सुगम बनाने हेतु विभिन्न सरकारी अधिकारियों के साथ सांठगांठ करने का आरोप है।
इस साल जून मे ED ने रिशु श्री से संबंधित मामले में बिहार में नौ स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया था और कहा था कि विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज़ ज़ब्त किए गए थे।