आयकर सीमा में नहीं होगा बदलाव, 75 पार के बुजुर्गों को रिटर्न भरने की जरूरत नहींः बजट 2021 की महत्वपूर्ण घोषणाएं
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट पेश किया। बजट में पेश किए गए कर प्रस्तावों इस प्रकार हैं:
-कॉरपोरेट और व्यक्तिगत, दोनों कर दरें अपरिवर्तित रहेंगी। हालांकि, 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के उन वरिष्ठ नागरिकों, जिन्हें केवल पेंशन या ब्याज से आय होती है, राहत होगी। उन्हें आयकर रिटर्न दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होगी।
-अ-गंभीर कर चोरी के मामले में मूल्यांकन के पुनः आरंभी की अवधि 6 वर्ष से घटाकर 3 वर्ष कर दी गई है। हालांकि, गंभीर कर धोखाधड़ी के मामले में, जहां एक वर्ष में 50 लाख या उससे अधिक की आय को छुपाने के सबूत है, प्रधान मुख्या आयुक्त की अनुमति के बाद मूल्यांकन 10 वर्षों में पुनः खोला जा सकता है।
-ऐसे कर निर्धारिती, जिनकी 50 लाख रुपए तक की कर योग्य आय हो और 10 लाख रुपए तक की विवादित आय हो, के विवादों के समाधान के लिए विवाद समाधान समिति का गठन किया जाएगा।
-एक राष्ट्रीय चेहराविहिन आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण केंद्र की स्थापना की जाएगी। ट्रिब्यूनल और अपीलकर्ता के बीच सभी संचार इलेक्ट्रॉनिक होंगे। व्यक्तिगत सुनवाई भी वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाएगी।
-भारत लौटने वाले ऐसे अनिवासी भारतीयों को आराम देने के के लिए उपयुक्त नियमों को अधिसूचित किया जाएगा, जिन्हें विदेशी सेवानिवृत्ति खातों में अर्जित आय के संबंध में मुद्दों का सामना करना पड़े।
-लेनदेन का 95% डिजिटल रूप से करने वालों के लिए टैक्स ऑडिट की सीमा 10 करोड़ हो गई है।
इनके अलावा, बजट प्रस्ताव छह स्तंभों पर टिका हुआ है, जो निम्न हैं: (i) स्वास्थ्य और कल्याण; (ii) भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा; (iii)आकांक्षी भारत के के लिए समावेशी विकास; (iv) मानव पूंजी को फिर से जुटाना; (v) नवोन्मेष शोध और विकास; (vi) न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन।
छह स्तंभों के मुख्य बिंदु निम्न हैं:
स्तंभ 1: स्वास्थ्य और कल्याण
मौजूदा बजट में स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे का परिव्यय बढ़ाकर 2,23,846 करोड़ कर दिया गया है। यह पिछले साल के बजट की तुलना में 137% की वृद्धि है। आवंटन की रूपरेखा इस प्रकार है:
-केंद्र प्रायोजित नई योजना, अर्थात्, प्रधानमंत्री आत्मानिभार स्वस्थ भारत योजना 6 वर्षों में 64,180 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ शुरू की जाएगी, जिसका उद्देश्य स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता विकसित करना, नए और उभरते रोगों का पता लगाने और उनके इलाज के लिए संस्थानों की स्थापना करना होगा;
-इस योजना के मुख्य हस्तक्षेपों में शामिल हैं: (i) स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों के लिए सहायता, (ii) सभी जिलों में एकीकृत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयोगशालाओं की स्थापना, (iii) क्रिटिकल केयर हॉस्पिटल ब्लॉक, (iv) नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) का सुदृढ़ीकरण ;
-अनुपूरक पोषण कार्यक्रम और पोषण अभियान का विलय किया जाएगा और पोषण सामग्री वितरण और परिणाम को मजबूत करने के लिए मिशन पोषण 2.0 शुरू किया जाएगा;
-जल जीवन मिशन 5 वर्षों में 2.87 लाख करोड़ के परिव्यय के साथ लॉन्च किया जाएगा, जिसका उद्देश्य सभी 4,378 शहरी स्थानीय निकायों में 2.86 करोड़ घरेलू नल कनेक्शन और 500 AMRUT शहरों में तरल अपशिष्ट प्रबंधन के साथ सार्वभौमिक जलापूर्ति सुनिश्चित करना है;
-शहरी स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को 5 वर्षों में, 1,41,678 करोड़ के परिव्यय के साथ लॉन्च किया जाएगा, जिसमें पूर्ण मल कीचड़ प्रबंधन, अपशिष्ट जल उपचार, स्रोत अलगाव, शहरी निर्माण से कचरे के प्रबंधन, लिगेसी डंप साइटों के बायोरिमेडिएशन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा;
-वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए 10 लाख से ज्यादाआबादी वाले 42 शहरी केंद्रों के लिए 2,217 करोड़ आवंटित;
-वर्तमान में केवल 5 राज्यों तक सीमित न्यूमोकोकल वैक्सीन को देश भर में वितरित किया जाएगा, ताकि हर साल होने वाली 50,000 से अधिक बच्चों की मौत को रोका जा सके।
-2021-2022 में COVID 19 वैक्सीन के लिए 35,000 करोड़ का आवंटन, यदि आवश्यक होगा तो अधिक धन प्रदान किया जाएगा।
स्तंभ 2: भौतिक और वित्तीय पूंजी और बुनियादी ढांचा
-5 साल में, आत्मनिर्भर भारत योजना को बढ़ावे देने के उद्देश्य से वैश्विक चैंपियन बनाने के लिए 1.97 लाख करोड़ का परिव्यय, उत्पादन लिंक प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के लिए आवंटित किया जाएगा;
-कपड़ा निर्यात क्षेत्र में वैश्विक निर्यात चैंपियन बनाने के लिए, पीएलआई योजना के अतिरिक्त, प्लग-एंड-प्ले सुविधाओं के साथ विश्व स्तरीय अवसंरचना बनाने के लिए मेगा इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्कों की योजना शुरू की जाएगी;
-नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन के लिए आगे जोर देने के लिए, तीन ठोस कार्य किए जाएंगे, अर्थात: (i) संस्थागत संरचना बनाना, (ii) संपत्ति का मुद्रीकरण करना, और (iii) केंद्रीय और राज्य बजट में पूंजीगत व्यय की बढ़ती हिस्सेदारी;
-केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के लिए, 1,18,101 करोड़ का बढ़ा हुआ परिव्यय;
-भारतीय रेलवे के लिए 1,10,055 करोड़ की रिकॉर्ड राशि प्रदान की जाएगी;
-सार्वजनिक बस परिवहन सेवाओं के उन्नयन के लिए 18,000 करोड़ की लागत से नई योजना;
-बिजली उपभोक्ताओं को एक से अधिक बिजली वितरण कंपनी में से चुनाव का विकल्प प्रदान करने के लिए फ्रेमवर्क रखा जाना चाहिए;
-5 वर्षों में 3,05,984 करोड़ के परिव्यय के साथ बिजली वितरण क्षेत्र योजना शुरु की जाएगी;
-सेबी अधिनियम 1992, डिपॉजिटरी एक्ट, 1996, प्रतिभूति संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1956, और सरकारी प्रतिभूति अधिनियम, 2006 को जोड़कर एकल और युक्तियुक्त प्रतिभूति बाजार संहिता लागू करने के का प्रस्ताव;
-बीमा अधिनियम, 1938 को बीमा कंपनियों में स्वीकार्य एफडीआई सीमा को 49% से 74% तक बढ़ाने के लिए संशोधन किया जाएगा और सुरक्षा उपायों के साथ विदेशी स्वामित्व और नियंत्रण की अनुमति दी जाएगी;
-बैंक ग्राहकों के लिए डिपॉजिट इंश्योरेंस कवर को एक लाख से बढ़ाकर 5 लाख किया जाएगा और यदि बैंक प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, तो धन तक जमाकर्ताओं की पहुंच को सक्षम करने के लिए प्रावधानों को सुव्यवस्थित किया जाएगा;
-SARFAESI अधिनियम 2002 के तहत ऋण वसूली के लिए न्यूनतम ऋण आकार को 50 लाख से घटकर 20 लाख किया जाएगा;
-कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत छोटी कंपनियों की परिभाषा को संशोधित किया जाएगा। इसके लिए,-2 करोड़ तक की प्रदत्त पूंजी वाली कंपनियों और, 20 करोड़ तक का टर्नओवर वाली कंपनियों को छोटी कंपनियों के अंतर्गत रखा आएगा, जिससे 2 लाख से अधिक कंपनियों को लाभ होगा;
-वन-पर्सन कंपनियों के इनकॉर्पोरेशन को प्रोत्साहित करने के लिए, ऐसी कंपनियों को प्रदत्त पूंजी या टर्नओवर पर किसी भी प्रतिबंध के बिना बढ़ने और किसी भी समय किसी अन्य प्रकार की कंपनी में परिवर्तित करने की अनुमति होगी;
-आईडीबीआई और एक सामान्य बीमा कंपनी के अलावा दो सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 2021-2022 में रणनीतिक विनिवेश के लिए लिया जाएगा।