आय के सबूत वे कैसे देंगे? सुप्रीम कोर्ट ने दुर्घटना में मरने वाले कारपेंटर के परिवार के मुआवजे की राशि बढ़ाई
वह क्या सबूत पेश कर सकते हैं, सिवाय मौखिक सबूतों के- यह टिप्पणी करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सड़क दुर्घटना में मारे गए एक कारपेंटर के मामले में उसके परिजनों को दी जाने वाली मुआवजे की राशि को बढ़ा दिया है।
मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण ने मृतक की आय को 1250 रुपए प्रतिमाह आंका था, परंतु आय का कोई सबूत पेश नहीं किया गया था, इसलिए उसकी अनुमानित वार्षिक आय 15 हजार रुपए मान ली गई थी। अपील पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने उसकी आय को प्रतिमाह तीन हजार रुपए मान लिया था। हाईकोर्ट ने कहा कि आय का कोई ऐसा सबूत पेश नहीं किया गया, जिससे यह मान लिया जाए कि मृतक एक कारपेंटर था।
जस्टिस दीपक गुप्ता व जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने माना कि हाईकोर्ट ने मृतक की आय को कम आंका है। पीठ ने कहा कि-
"हम यह समझ नहीं पा रहे है कि एक कारपेंटर क्या सबूत पेश कर सकता है? उनके पास मौखिक सबूत के अलावा क्या हो सकता है। हम इस बात को ध्यान में रख रहे है कि दुर्घटना वर्ष 2001 में हुई थी और मृतक एक कारपेंटर था।
ऐसे में अगर उसकी प्रतिदिन की आय को दो सौ रूपए मान लिया जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। यह भी सच है कि हो सकता है कि एक कारपेंटर को प्रतिदिन काम न मिले। इसलिए उसकी मासिक आय को पांच हजार रुपए माना जा रहा है।"