ज़मानत खारिज किए जाने के फैसले को गुलफ़िशा फ़ातिमा ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

Update: 2025-09-07 14:55 GMT

स्टूडेंट एक्टिविस्ट गुलफ़िशा फ़ातिमा ने दिल्ली दंगों की व्यापक साज़िश के मामले में ज़मानत खारिज करने के दिल्ली हाईकोर्ट के हालिया आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।

नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने में अग्रणी रहीं फ़ातिमा को 9 अप्रैल, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (UAPA) के तहत आरोपों के चलते हिरासत में हैं। दिल्ली पुलिस के आरोपपत्र में उन पर कई अन्य व्यक्तियों के साथ फरवरी, 2020 के अंतिम सप्ताह में राष्ट्रीय राजधानी में हुए सांप्रदायिक दंगों के पीछे एक "बड़ी साज़िश" रचने का आरोप लगाया गया है।

2 सितंबर को दिल्ली हाईकोर्ट की खंडपीठ ने फ़ातिमा और आठ सह-आरोपियों की ज़मानत याचिकाओं को खारिज करते हुए सामान्य आदेश पारित किया।

शरजील इमाम ने भी हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए याचिका दायर की।

मामले में अन्य आरोपी ताहिर हुसैन, उमर खालिद, खालिद सैफी, इशरत जहां, मीरान हैदर, शिफा-उर-रहमान, आसिफ इकबाल तन्हा, शादाब अहमद, तस्लीम अहमद, सलीम मलिक, मोहम्मद सलीम खान, अतहर खान, सफूरा जरगर, शरजील इमाम, देवांगना कलिता, फैजान खान और नताशा नरवाल हैं।

जून, 2020 में सफूरा जरगर को उनकी गर्भावस्था के कारण मानवीय आधार पर जमानत दी गई थी। जून, 2021 में हाईकोर्ट ने योग्यता के आधार पर तीन अन्य आरोपियों - आसिफ इकबाल तन्हा, देवांगना कलिता और नताशा नरवाल को जमानत दी थी।

Case : Gulfisha Fatima v State of NCT of Delhi | Diary No. 50992/2025

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