सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, जस्टिस मनोज कुमार मुखर्जी का 87 वर्ष की आयु में निधन
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति मनोज कुमार मुखर्जी का शनिवार (17 अप्रैल 2021) को कलकत्ता में निधन हो गया।
87 वर्षीय न्यायमूर्ति मुखर्जी का जन्म 1 दिसंबर 1933 को हुआ था और उन्होंने बी.एससी, एल.एल.बी पास की और नवंबर 1956 में आसनसोल बार में शामिल हुए। इसके बाद उन्होंने 1971 तक उप-मंडल और जिला न्यायालय और श्रम न्यायाधिकरण में प्रैक्टिस की।
उन्होंने 14 दिसंबर, 1962 को हाईकोर्ट के एक वकील के रूप में दाखिला लिया और वह आपराधिक अपील, आपराधिक संशोधन और संदर्भ मामलों में हैबियस कॉर्पस और ज्यादातर औद्योगिक श्रम से संबंधित मामलों से जुड़े रहे।
उन्हें 17 जून, 1977 में कलकत्ता हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया। इसके बाद उन्हें 8 दिसंबर, 1977 को स्थायी न्यायाधीश बनाया गया।
उन्हें 12 नवंबर 1991 को मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाईकोर्ट के रूप में पदोन्नत किया गया था और 9 जनवरी, 1993 को मुख्य न्यायाधीश बॉम्बे हाईकोर्ट के रूप में स्थानांतरित किया गया था।
उन्हें 14 दिसंबर, 1993 से भारत के सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया, जहां से वह 1 दिसंबर, 1998 को सेवानिवृत्त हुए।
1998 में शीर्ष अदालत से सेवानिवृत्त होने के बाद न्यायमूर्ति मुखर्जी को मई, 1999 में केंद्र ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गायब होने आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था।
कलकत्ता हाईकोर्ट का पूर्ण न्यायालय सोमवार 19 अप्रैल, 2021 को प्रातः 10.30 बजे माननीय न्यायमूर्ति मनोज कुमार मुखर्जी के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए कोर्ट रूम नंबर 1 में आयोजित किया गया।