सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ अवमानना कार्रवाई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अपनी राजनीतिक लड़ाई कहीं और जाकर लड़ें

Update: 2025-07-21 07:16 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ आपराधिक अवमानना की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए अदालत के समक्ष मामलों का राजनीतिकरण न करने की चेतावनी दी।

चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन, जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच उस याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ आपराधिक अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई थी।

आत्मदीप नामक सार्वजनिक धर्मार्थ ट्रस्ट ने यह याचिका दायर की थी।

सीनियर एडवोकेट मनिंदर सिंह ने बेंच से मामले को स्थगित करने का अनुरोध किया, क्योंकि आपराधिक अवमानना याचिका शुरू करने की अनुमति के लिए अटॉर्नी जनरल के समक्ष अनुरोध दायर किया गया है।

हालांकि, चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की,

"क्या आपको इतना यकीन है कि आपको सहमति मिल जाएगी? अदालत के सामने राजनीतिकरण करने की कोशिश न करें; अपनी राजनीतिक लड़ाई आपको कहीं ओर जाकर लड़ें। इसे चार हफ़्ते बाद सूचीबद्ध करें।"

बेंच अंततः मामले को चार हफ़्ते बाद सूचीबद्ध करने पर सहमत हो गई।

बता दें, अप्रैल में तत्कालीन चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने कलकत्ता हाईकोर्ट का वह फ़ैसला बरकरार रखा था, जिसमें 2016 में पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग (SSC) द्वारा की गई लगभग 25,000 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को अमान्य घोषित कर दिया था।

कोर्ट ने हाईकोर्ट के इस निष्कर्ष को स्वीकार किया कि चयन प्रक्रिया धोखाधड़ी से दूषित थी और सुधार से परे दूषित थी। न्यायालय ने नियुक्तियों को तुरंत रद्द करने का हाईकोर्ट का फ़ैसला बरकरार रखा।

अवमानना याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने फ़ैसले के संबंध में कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं।

Case Details : AATMADEEP (A PUBLIC CHARITABLE TRUST) vs. MAMATA BANERJEE |

Tags:    

Similar News