सीनियर एडवोकेट और प्रख्यात न्यायविद् फली एस नरीमन का निधन

Update: 2024-02-21 02:58 GMT

सीनियर एडवोकेट और प्रख्यात न्यायविद् फली एस नरीमन का निधन हो गया। वह 95 साल के थे।

प्रतिष्ठित संवैधानिक वकील फली एस नरीमन ने प्रसिद्ध एनजेएसी फैसले सहित कई ऐतिहासिक मामलों पर बहस की है। वह महत्वपूर्ण एससी एओआर एसोसिएशन मामले (जिसके कारण कॉलेजियम प्रणाली का जन्म हुआ), टीएमए पाई मामला (अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक अधिकारों के दायरे पर) आदि में भी पेश हुए।

जून, 1975 में उन्होंने विरोध करने के लिए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के पद से इस्तीफा दे दिया। आपातकाल घोषित करने का इंदिरा गांधी सरकार का फैसला।

नागरिक स्वतंत्रता के कट्टर समर्थक नरीमन महत्वपूर्ण सार्वजनिक आवाज़ थे, जिनकी न्यायिक विकास के बारे में आलोचनात्मक राय बहुत मायने रखती थी। अनुच्छेद 370 मामले में हालिया फैसले को लेकर नरीमन ने आलोचना की थी।

उनके बेटे रोहिंटन नरीमन सीनियर वकील और सुप्रीम कोर्ट के जज थे।

उनकी आत्मकथा "Before Memory Fades" एक व्यापक रूप से पढ़ी जाने वाली पुस्तक है, विशेष रूप से कानून के छात्रों और युवा वकीलों के बीच, जो उनके लिए प्रेरणा स्रोत के रूप में काम करती है। "The State of Nation", "God Save the Hon'ble Supreme Court" उनकी अन्य लोकप्रिय और प्रसिद्ध पुस्तकें हैं।

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