मेडिकल ग्राउंड पर डीपी यादव की ज़मानत अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया

Update: 2020-05-12 10:15 GMT

उत्तर प्रदेश के पूर्व विधायक डीपी यादव के मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मांगने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को नोटिस जारी किया है।

हत्या के मामले में देहरादून जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे यादव को पहले गाजियाबाद के यशोदा अस्पताल और अनुसंधान केंद्र में स्पाइनल सर्जरी करवाने के लिए अंतरिम जमानत दी गई थी।

इस सर्जरी के बाद 6 दिसंबर, 2018 को यादव ने वापस जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था। फरवरी 2019 में, चिकित्सा आधार पर अंतरिम जमानत की एक और याचिका जस्टिस दीपक गुप्ता और संजीव खन्ना के साथ भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली सर्वोच्च न्यायालय की खंडपीठ ने खारिज कर  दी थी।

उस समय हालांकि न्यायालय याचिका पर विचार करने के लिए इच्छुक नहीं था, लेकिन जेल अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिये थे कि यादव के इलाज की जरूरत का ध्यान रखते हुए कानून के अनुसार आवश्यक कदम उठाए जाएं।

आज, न्यायमूर्ति एल नागेश्वर राव की अध्यक्षता वाली पीठ ने यशोदा अस्पताल के दस्तावेजों पर ध्यान दिया, जो यादव का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता विक्रम चौधरी द्वारा प्रस्तुत किए गए थे।

चौधरी बेंच को बताया कि राज्य याचिका का निराधार विरोध कर रहा है। इस पर बेंच राज्य का पक्ष सुनना चाहा और सीबीआई को नोटिस जारी किया। इस मामले को अब अगले सप्ताह सुनवाई के लिए लिया जाएगा।

2015 में यादव को देहरादून की सीबीआई अदालत ने गाजियाबाद के दादरी क्षेत्र से विधायक महेंद्र सिंह भाटी की हत्या में भूमिका के लिए दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

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