दिल्ली सीएए का विरोध : मजिस्ट्रेट ने सुबह-सुबह दिया पुलिस को निर्देश, हिरासत में लिए गए लोगों को वकीलों से मिलने दिया जाए
मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट कड़कड़डूमा ने शनिवार तड़के 4.30 बजे एक आदेश पारित किया और सीमापुरी पुलिस स्टेशन एसएचओ को निर्देश दिया कि वे वकीलों को उन लोगों से मिलने की अनुमति दें, जिन्हें कल रात पुलिस ने सीएए के विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर हिरासत में लिया था।
मजिस्ट्रेट ने अपने निवास पर हस्तलिखित आदेश एक शिकायत पर विचार करने के बाद दिया है, जिसमें कहा गया था कि पुलिस हिरासत में लिए लोगों को उनके कानूनी सहायता के अधिकार देने से इनकार कर रही है, जो कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 22 (1) के तहत एक संवैधानिक अधिकार है।
सीएमएम ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया कि वह रजिस्टर्ड प्राथमिकी की प्रतियां सौंप दे और हिरासत में लिए लोगों को चिकित्सा सुविधा भी प्रदान करे।
सीएमएम ने कहा कि वकीलों से मिलने की अनुमति कम से कम 15 मिनट के लिए होनी चाहिए। इस आदेश के बावजूद, ऐसी खबरें आ रही हैं कि पुलिस ने वकीलों को बंदियों या हिरासत में लिए लोगों से मिलने की अनुमति नहीं दी है।
ताजा जानकारी के अनुसार 11 लोगों को सीमापुरी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वकीलों ने कहा कि एफआईआर की कॉपी उनसे साझा नहीं की गई है। उन्हें शनिवार को कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया जा रहा है। वकीलों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए व्यक्ति आसपास खड़े हुए थे, ये प्रदर्शनकारी नहीं थे।
शुक्रवार रात, सीएमएम (मध्य दिल्ली) ने दरियागंज पुलिस को निर्देश दिया था कि हिरासत में लिए गए नाबालिगों को रिहा किया जाए और अन्य वयस्क बंदियों या हिरासत में लिए लोगों को कानूनी सहायता और चिकित्सा सहायता प्रदान की जाए। सीएमएम ने कहा था कि,''पुलिस स्टेशन में नाबालिगों को हिरासत में रखना कानून का उल्लंघन है।''