"एक राष्ट्र, एक चुनाव" को लागू करने के लिए संवैधानिक संशोधन आवश्यक: बीसीआई अध्यक्ष ने उच्च-स्तरीय समिति को सुझाव सौंपे
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने "एक राष्ट्र, एक चुनाव" (One Nation One Election) की संभावना पर एक हाई लेवल कमेटी को विस्तृत सिफारिशें भेजी हैं। सिफारिशों में एक साथ चुनावों के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए केंद्र और राज्यों के लिए आवश्यक कानूनी और प्रशासनिक परिवर्तनों को सुझाव दिया गया है।
प्रस्तावित प्रमुख कानूनी और प्रशासनिक परिवर्तन
1. संवैधानिक संशोधन: बीसीआई की ओर से दी गई सिफारिशों में राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को लोकसभा के कार्यकाल के साथ सिंक्रनाइज़ करने के लिए एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। इसमें भारतीय संविधान के अनुच्छेद 83, 85, अनुच्छेद 172, 174 और 356 जैसे प्रमुख अनुच्छेदों में संशोधन शामिल है, जिससे राज्य विधानसभाओं के कार्यकाल को लोकसभा के साथ सिंक्रोनाइज़ किया जा सके।
2. चुनाव आयोग का सशक्तिकरण: चुनाव आयोग के संसाधनों और अधिकार को बढ़ाना लॉजिस्टिक्स के प्रबंधन और एक साथ चुनाव कराने के लिए अनिवार्य माना जाता है। बढ़ते कार्यभार और जटिलता से निपटने में चुनाव आयोग की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए इसके संभावित पुनर्गठन का सुझाव दिया गया है।
3. चुनावी कानून: लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 और अन्य चुनावी क़ानूनों में संशोधन अपरिहार्य माने जाते हैं। प्रस्तावित परिवर्तनों में संसदीय और राज्य चुनावों के लिए समन्वित मतदान कार्यक्रम, समान अभियान अवधि और व्यय सीमा के प्रावधान शामिल हैं।
4. राजनीतिक फंडिंग सुधार: न्यायसंगत चुनावी प्रथाओं को सुनिश्चित करने के लिए राजनीतिक फंडिंग और अभियान वित्त कानूनों में पर्याप्त सुधार की सिफारिश की गई है। राजनीतिक फंडिंग और व्यय को नियंत्रित करने वाली पारदर्शी प्रक्रियाओं को चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
5. प्रशासनिक तैयारी: एक साथ चुनाव के निर्बाध क्रियान्वयन के लिए व्यापक प्रशासनिक तत्परता को सर्वोपरि माना जाता है। सुरक्षा उपायों, मतदान केंद्र प्रबंधन, चुनाव कर्मियों की तैनाती और साजो-सामान संबंधी आवश्यकताओं जैसे पहलुओं के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के बीच सावधानीपूर्वक समन्वय की वकालत की गई है।
6. जन जागरूकता और मतदाता शिक्षा: बीसीआईडी ने व्यापक जन जागरूकता पहल और मतदाता शिक्षा अभियानों की आवश्यकता पर जोर दिया है। इन प्रयासों को उच्च मतदाता मतदान को बढ़ावा देने और चुनावी प्रक्रिया में सूचित मतदाताओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
एक साथ चुनाव के लाभ: बीसीआईडी ने "एक राष्ट्र, एक चुनाव" की अवधारणा से जुड़े कई फायदों को भी रेखांकित किया:
1. लागत-दक्षता: एक साथ चुनाव कराने से चुनाव-संबंधी खर्च काफी कम हो जाता है, जिससे व्यापक चुनावी आयोजन के लिए संसाधन सुव्यवस्थित हो जाते हैं।
2. प्रशासनिक दक्षता: चुनाव-संबंधी कार्यों का एकीकरण प्रशासनिक कर्मियों और संसाधनों के विचलन को कम करता है, जिससे केंद्रित शासन की अनुमति मिलती है।
3. सतत शासन: केंद्र और राज्य सरकार की शर्तों को संरेखित करने से नीतिगत असंगतता कम होकर स्थिर और निरंतर शासन सुनिश्चित होता है।
4. मतदाता सुविधा: एक साथ चुनाव नागरिकों को सभी प्रतिनिधियों के लिए एक साथ वोट डालने की अनुमति देकर मतदाताओं की थकान को कम करते हैं।
5. सत्ता का विकेंद्रीकरण: स्थानीय मुद्दों और विकास पर ध्यान केंद्रित करने के लिए क्षेत्रीय दलों को सशक्त बनाना।
6. अधिक नीति केंद्रण: दीर्घकालिक योजना और रणनीतिक शासन को प्रोत्साहित करना।
7. सुरक्षा चिंताओं में कमी: लगातार तैनाती से जुड़ी चुनौतियों को कम करना।