सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कोर्ट मास्टर से पूछताछ करने पर वकील को फटकार लगाई
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ ने वकील को आदेश की विषय-वस्तु के बारे में कोर्ट मास्टर से पूछताछ करने पर फटकार लगाई।
वकील ने सीजेआई के समक्ष उल्लेख किया कि मध्यस्थता मामले में ओपन कोर्ट में लिखी गई कुछ टिप्पणियां आदेश के अंतिम मसौदे में मौजूद नहीं थीं। जब सीजेआई ने वकील से पूछा कि उसे आदेश की विषय-वस्तु के बारे में कैसे पता चला तो वकील ने स्वीकार किया कि उसने कोर्ट मास्टर से पूछताछ की थी।
वकील के आचरण से नाखुश सीजेआई ने टिप्पणी की:
"आपने कोर्ट मास्टर से यह पूछने की हिम्मत कैसे की कि मैंने अदालत में क्या लिखा? कल आप मेरे घर आएंगे और पीएस से पूछेंगे कि मैं अपने चैंबर में क्या लिख रहा हूं? वकीलों ने शालीनता की सारी समझ खो दी है या क्या? अंतिम आदेश वह होता है जिस पर हम हस्ताक्षर करते हैं।"
सीजेआई ने अंतिम आदेश की विषय-वस्तु की जांच करने के बाद स्पष्ट किया कि आदेश में मध्यस्थ नियुक्त किया गया। पक्षकारों के सभी अधिकार और विवाद उसके निर्णय के लिए खुले रहेंगे।
सीजेआई के समक्ष वकील ने आदेश में यह शामिल करने का अनुरोध किया कि सीमा के मुद्दे पर मध्यस्थ द्वारा निर्णय लिया जाए।
वकील के इस तरह के आचरण से परेशान सीजेआई ने चेतावनी दी -
"ये अजीबोगरीब तरकीबें फिर से मत आजमाइए, बेंच पर मेरे पास बहुत लंबा समय नहीं है, लेकिन जब तक मैं प्रभारी हूं, तब तक ऐसा मत आजमाइए - मेरे सचिव और स्टेनोग्राफर के पास जाइए!"