केंद्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में ए़डिशनल जज के रूप में वकील सोमशेखर सुंदरेसन की नियुक्ति की अधिसूचना जारी की
हालिया घटनाक्रम में वकील सोमशेखर सुंदरेशन को बॉम्बे हाईकोर्ट में ए़डिशनल जज नियुक्त किया गया है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के कॉलेजियम ने 04 अक्टूबर, 2021 को एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की थी। 16 फरवरी, 2022 को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने बॉम्बे हाईकोर्ट के जज के रूप में नियुक्ति के लिए सोमशेखर सुंदरेसन के नाम की सिफारिश की। 25 नवंबर, 2022 को सरकार ने उक्त सिफारिश पर पुनर्विचार की मांग की है। केंद्र की आपत्ति यह थी कि उन्होंने कई मामलों पर सोशल मीडिया पर अपने विचार रखे हैं, जो अदालतों के समक्ष विचार का विषय हैं।
हालांकि, जनवरी 2023 में कॉलेजियम ने एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन का नाम दोहराते हुए कहा,
"जिस तरह से उम्मीदवार ने अपने विचार व्यक्त किए हैं, वह इस निष्कर्ष को उचित नहीं ठहराता है कि वह "अत्यधिक पक्षपाती विचार रखने वाला व्यक्ति" है या वह "सरकार की महत्वपूर्ण नीतियों, पहलों और निर्देशों पर सोशल मीडिया पर चुनिंदा रूप से आलोचनात्मक रहा है।" (जैसा कि न्याय विभाग की आपत्तियों में संकेत दिया गया है) और न ही यह इंगित करने के लिए कोई सामग्री है कि उम्मीदवार द्वारा इस्तेमाल की गई अभिव्यक्तियां मजबूत वैचारिक झुकाव वाले किसी भी राजनीतिक दल के साथ उसके संबंधों का संकेत देती हैं।"
उल्लेखनीय है कि चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस केएम जोसेफ की कॉलेजियम ने भी कहा था,
“संविधान के अनुच्छेद 19(1)(ए) के तहत सभी नागरिकों को स्वतंत्र भाषण और अभिव्यक्ति का अधिकार है। किसी उम्मीदवार द्वारा विचारों की अभिव्यक्ति उसे संवैधानिक पद पर रहने का अधिकार नहीं देती, जब तक कि न्यायाधीश पद के लिए प्रस्तावित व्यक्ति सक्षम, योग्यता और निष्ठा वाला व्यक्ति हो।''
गौरतलब है कि एडवोकेट सोमशेखर सुंदरेसन अदानी-हिंडनबर्ग मुद्दे के आलोक में भारत के नियामक तंत्र की समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाल ही में गठित विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं।