लेह हिंसा की न्यायिक जांच करेंगे पूर्व सुप्रीम कोर्ट जज जस्टिस बी.एस. चौहान

Update: 2025-10-17 16:39 GMT

भारत सरकार के गृह मंत्रालय (एमएचए) ने 24 सितंबर, 2025 को लेह में हुई हिंसक घटनाओं की न्यायिक जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस बी.एस. चौहान को नियुक्त किया। इन घटनाओं में चार लोगों की मौत हो गई थी। यह हिंसा लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के दौरान भड़की थी।

जम्मू, कश्मीर और लद्दाख मामलों के गृह मंत्रालय विभाग द्वारा 17 अक्टूबर, 2025 को जारी आदेश के अनुसार, जांच उन परिस्थितियों की जांच करेगी, जिनके कारण गंभीर कानून-व्यवस्था की स्थिति पैदा हुई, उसके बाद पुलिस कार्रवाई हुई और परिणामस्वरूप मौतें हुईं।

मंत्रालय ने बताया कि भारतीय न्याय संहिता, 2023 (BNS) की धारा 189, 191, 190, 115, 118, 326, 324, 309, 109, 117, 125 और 121 सहित कई प्रावधानों के तहत लेह पुलिस स्टेशन में FIR (संख्या 144/2025) पहले ही दर्ज की जा चुकी है।

अधिसूचना में कहा गया,

"सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज द्वारा उक्त घटना की जांच करवाना अनिवार्य है।"

तदनुसार, जस्टिस बी.एस. चौहान पहले सुप्रीम कोर्ट की पीठ में कार्यरत रहे हैं। उनको जांच का नेतृत्व करने का कार्य सौंपा गया है।

जस्टिस चौहान को रिटायर जिला एवं सेशन जजमोहन सिंह परिहार न्यायिक सचिव के रूप में और आईएएस तुषार आनंद प्रशासनिक सचिव के रूप सहायता प्रदान करेंगे।

केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को न्यायिक जांच के संचालन के लिए सभी आवश्यक प्रशासनिक और तार्किक सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया गया।

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