सीबीएसई क्लास XII : इंटरनल एक्ज़ाम के आधार पर परिणामों की घोषणा करने और जुलाई में होने वाली परीक्षा को रद्द करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका

Update: 2020-06-12 10:28 GMT

सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर अदालत से सरकार और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) को जुलाई के पहले हफ़्ते में में होने वाली परीक्षा को COVID 19 संक्रमण के कारण रद्द करने के निर्देश देने की मांंग की गई है।

शेष परीक्षा को 1 से 15 जुलाई के बीच आयोजित करने के निर्णय को मनमाना कहा गया है और मांग की गई है कि परीक्षा को रद्द की जाए और छात्रों को पहले ही हो चुकी आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर अंक दे दिए जाएंं। याचिका मेंं कहा गया है कि 25 अन्य देशों में भी जहां सीबीएसई की मौजूदगी है, उन्होंने शेष परीक्षा रद्द कर दी है और आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर उन्हें अंक दे दिए। अगर भारत में भी इसे लागू नहीं करके सीबीएसई संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करता है।

कहा गया है कि कक्षा 12 का परीक्षा परिणाम 30 जून से पहले अवश्य ही आ जाना चाहिए।

याचिकाकर्ता ने कहा अधिकांश विदेशी विश्वविद्यालयों में 12वीं का परिणाम का जमा करने की अंतिम तिथि 1 जुलाई के आसपास है क्योंकि वीज़ा आदि लेने में 3-4 सप्ताह का समय लग जाता है। अधिकांश विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर की शुरुआत अगस्त के मध्य से शुरू होता है।

याचिककर्ता ने कहा कि

"अगर परीक्षा 1 और 15 जुलाई के बीच होती है तो परिणाम अगस्त के पहले सप्ताह से पहले आने की संभावना कम है। उस स्थिति में देश के हज़ारों छात्रों का विदेशी विश्वविद्यालय में पढ़ने का सपना टूट जाएगा जिसके लिए उन्होंने पिछले दो सालों से तैयारी की है।"

याचिका में कहा गया है कि

"सरकार/सीबीएसई के निर्णय से 25 लाख छात्रों का जीवन अधर में लटक जाएगा अगर परीक्षा जुलाई 2020 में आयोजित होती है जबकि देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। याचिका में कहा गया है कि जब परीक्षा स्थगित की गई थी उसकी तुलना में अभी संक्रमण के मामले ज़्यादा हैं और इसका ख़ामियाज़ा छात्रों को भुगतना पड़ेगा क्योंकि सरकार और सीबीएसई दोनों ही शेष परीक्षा लेने पर तुला हुआ है।"

आशंका व्यक्त की गई है कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जो परीक्षा स्थगित है वह आगे और स्थगित नहीं होगा। पर अगर इस तरह का फ़ैसला जून के अंत में लिया जाता है तो इससे छात्रों को कोई लाभ नहीं होगा।

याचिका में कहा गया है कि अगर परीक्षा होनी ही है तो यह जितना जल्दी हो करा लेना चाहिए क्योंकि संक्रमण की स्थिति और बिगड़ेगी और सावधानी बरतने के क़दम वही रहेंगे।

जुलाई में शेष बोर्ड परीक्षा कराने के CBSE के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती, अभिभावकों ने मनमाना बताया

परीक्षा जुलाई में कराने के सीबीएसई के निर्णय के ख़िलाफ़ दिल्ली-एनसीआर के पेरेंट्स के समूह ने भी एक याचिका दायर की है। 


Tags:    

Similar News