INX मीडिया : चिदंबरम पर दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले पर CBI भी सुप्रीम कोर्ट में, मंगलवार को जमानत अर्जी के साथ सुनवाई

Update: 2019-10-14 10:24 GMT

INX मीडिया मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेसी नेता पी. चिदंबरम मामले में सीबीआई ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। दरअसल सीबीआई ने दिल्ली हाईकोर्ट की उस टिप्पणी पर स्पष्टीकरण मांगा है जिसमें यह कहा गया था कि चिदंबरम के साथ कोई 'फ्लाईट रिस्क' नहीं हैं और उनके द्वारा सबूतों से छेड़छाड़ किये जाने की संभावना नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर भी मंगलवार को चिदंबरम की जमानत याचिका के साथ सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर मांगा था जवाब

बीते 4 अक्टूबर को चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। इस मामले की सुनवाई के दौरान चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने जस्टिस आर. बानुमति और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की पीठ को यह बताया था कि दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि उनका फ्लाइट रिस्क नहीं है और ना ही सबूतों से छेड़छाड़ की संभावना है। उन्होंने अपना पासपोर्ट भी सरेंडर कर दिया है। पीठ ने सीबीआई को नोटिस जारी करते हुए मामले को 15 अक्टूबर को सूचीबद्ध किया था।

चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को दी है सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

दरअसल जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चिदंबरम ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है, जिस आदेश के तहत उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। दरअसल 30 सितंबर को हाई कोर्ट ने पूर्व वित्त मंत्री की जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। जस्टिस सुरेश कैथ ने कहा था कि सबूतों से छेड़छाड़ की तो नहीं पर इस बात की संभावना ज़रूर है कि चिदंबरम गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। इस दौरान सीबीआई ने चिदंबरम को जमानत दिए जाने का विरोध किया था।

गौरतलब है कि चिदंबरम फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं और जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्हें फिलहाल जेल में ही रहना होगा। चिदंबरम को सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था।

चिदंबरम पर आरोप

चिदंबरम पर आरोप है कि वर्ष 2007 में वित्त मंत्री रहते हुए उन्होंने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के साथ जुड़ी कंपनियों के माध्यम से मीडिया हाउस से पारस्परिक लाभ लेकर INX द्वारा लगभग 305 करोड़ रुपये के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को मंजूरी दी थी। सीबीआई और ईडी द्वारा क्रमशः वर्ष 2017 और 2018 में मामले दर्ज किए गए थे। ईडी ने अभी उन्हें गिरफ्तार नहीं किया है।  

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