'वकीलों के हड़ताल पर जाने से मामले बिगड़ते हैं': सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाईकोर्ट जयपुर बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया
सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों की हड़ताल पर एक बार फिर नाराज़गी व्यक्त की। कोर्ट ने शुक्रवार को जयपुर स्थित राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन को हड़ताल के मुद्दे पर नोटिस जारी किया।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस पंकज मिथल की खंडपीठ ने उक्त कार्यवाही तब की, जब वो वकीलों की हड़ताल के कारण राजस्थान हाईकोर्ट की जयपुर बेंच द्वारा पारित एक प्रतिकूल आदेश के खिलाफ एक विशेष अनुमति याचिका पर सुनवाई कर रही थी।
इससे पहले, 27 सितंबर को कोर्ट ने एसोसिएशन के आचरण की आलोचना की थी। साथ ही राजस्थान बार एसोसिएशन, जयपुर बेंच के साथ-साथ बार काउंसिल ऑफ इंडिया की निंदा की थी।
कोर्ट ने पहले के आदेश में कहा था, ''यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राजस्थान में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने अदालती काम से दूर रहने का फैसला किया और इसलिए, कोर्ट को सहायता नहीं मिल सकी।''
हालांकि, आज की सुनवाई में एसोसिएशन की ओर से कोई भी उपस्थित नहीं हुआ। उन्हें नोटिस तामील नहीं कराइ गई थी। इसलिए, कोर्ट ने बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि इसे तामील कराने के लिए हाइकोर्ट रजिस्ट्रार के माध्यम से भेजा जाए।
कोर्ट ने सुनवाई के दरमियान मौखिक रूप से कहा, "मामले बिगड़ जा रहे हैं, क्योंकि वकील हड़ताल पर चले जा रहे हैं। हर हाईकोर्ट में ऐसा हो रहा है"।
बार काउंसिल की ओर से पेश वकील ने कहा कि इसी तरह का मामला एक अन्य समन्वय पीठ में लंबित है। उन्होंने पीठ को बताया कि उन्होंने हड़ताल के संबंध में नियमों का मसौदा तैयार किया है और इसे समन्वय पीठ के समक्ष रखा गया है।
2021 में राजस्थान हाईकोर्ट बार एसोसिएशन, जयपुर ने हड़ताल के तहत हाईकोर्ट की एक बेंच का बहिष्कार करने के लिए उनके खिलाफ शुरू की गई अवमानना कार्यवाही के संबंध में सुप्रीम कोर्ट से 'बिना शर्त माफी' मांगी थी। एसोसिएशन ने भविष्य में अदालत का बहिष्कार न करने का भी वादा किया था।
जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने सितंबर में एक वकील की मौत पर शोक व्यक्त करने के लिए काम रोकने के लिए ओडिशा में एक बार एसोसिएशन को नोटिस जारी किया था। जस्टिस कौल की अगुवाई वाली पीठ ने पहले बार काउंसिल ऑफ इंडिया से अदालत के बहिष्कार के लिए बार एसोसिएशनों के खिलाफ की गई कार्रवाई का विवरण देने को कहा था। अप्रैल 2023 में, सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को शिकायत निवारण कक्ष गठित करने का निर्देश दिया था, जिसके माध्यम से वकील हड़ताल का सहारा लिए बिना अपने मुद्दे उठा सकें।
केस डिटेल: मैसर्स राजस्थान मेडिकल सर्विस कॉरपोरेशन निलोफर खान बनाम मैसर्स शिवेक लैब्स लिमिटेड और अन्य, एसएलपी (सी) नंबर 22407/2023