बॉम्बे हाईकोर्ट ने कथित माओवादी लिंक मामले में प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और 5 अन्य को बरी किया

Update: 2022-10-14 06:10 GMT

प्रोफेसर जीएन साईंबाबा 

बॉम्बे हाईकोर्ट (नागपुर बेंच) ने कथित माओवादी लिंक मामले में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जीएन साईंबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया है।

अदालत ने आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत दोषसिद्धि और उम्रकैद की सजा के खिलाफ उनकी अपील को स्वीकार कर लिया है।

नागपुर खंडपीठ के जस्टिस रोहित देव और जस्टिस अनिल पानसरे की खंडपीठ ने फैसला सुनाया।

आरोपियों में से एक, पांडु पोरा नरोटे की अगस्त 2022 में मृत्यु हो गई। महेश तिर्की, हेम केश्वदत्त मिश्रा, प्रशांत राही और विजय नान तिर्की अन्य आरोपी हैं।

उन्हें मार्च 2017 में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में सत्र न्यायालय द्वारा यूएपीए की धारा 13, 18, 20, 38 और 39 और भारतीय दंड संहिता की 120 बी के तहत रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट (आरडीएफ) के साथ कथित लिंक के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। जिस पर कथित तौर पर गैरकानूनी माओवादी संगठन से संबद्ध होने का आरोप लगाया गया था।

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