लिंचिंग पर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले प्रख्यात लोगों के खिलाफ एफआईआर पर पुलिस ने कार्रवाई बंद की

Update: 2019-10-10 04:41 GMT

बिहार पुलिस ने कलाकारों और बुद्धिजीवियों के एक समूह के खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर पर कार्रवाई बंद कर दी। प्रख्यात लोगों के इस समूह ने पिछली जुलाई में प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें देश में मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं के बारे में चिंता व्यक्त की गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुजफ्फरपुर के एसएसपी, मनोज कुमार सिन्हा ने आरोपों में तथ्यों की कमी का हवाला देते हुए मामले को बंद करने का आदेश दिया।

देश में घृणा-अपराधों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को यह पत्र लिखा गया था। यह पत्र झारखंड की राजधानी रांची में तबरेज अंसारी के मॉब लिंचिंग के शिकार होने के बाद लिखा गया। तबरेज़ अंसारी की भीड ने पीट पीटकर हत्या कर दी थी।

बिहार पुलिस ने दर्ज  की  थी  एफआईआर

बिहार पुलिस ने 2 अक्टूबर को कलाकारों और बुद्धिजीवियों के एक समूह के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज की थी, जिन्होंने पिछले जुलाई में प्रधानमंत्री को एक खुला पत्र लिखा था, जिसमें देश में मॉब लिंचिंग (भीड़ द्वारा लोगों को मारने की घटना) की बढ़ती घटनाओं के बारे में शिकायत की गई थी।

एफआईआर नामी फिल्मकार अपर्णा सेन, अदूर गोपालकृष्णन, श्याम बेनेगल, गायक शुभा मुदगल, अभिनेता सौमित्र चटर्जी, कोनोना सेना, रेवती, निर्देशक मणिरत्नम और इतिहासकार रामचंद्र गुहा के खिलाफ की गई थी।

यह एफआईआर अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा द्वारा दायर एक शिकायत पर आधारित थी, जिसे मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 156 (3) के तहत कार्रवाई के लिए भेजा था। 

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