अवुलपल्ली जलाशय: सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश सरकार पर एनजीटी के 100 करोड़ के जुर्माने पर रोक लगाई, 25 करोड़ जमा करने का आदेश दिया
सुप्रीम कोर्ट ने आंध्र प्रदेश के जल संसाधन विभाग पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) द्वारा चित्तूर जिले में अवुलापल्ली जलाशय के निर्माण के लिए पर्यावरण संबंधी नियमों का उल्लंघन कर पर्यावरण मंजूरी प्राप्त करने के लिए लगाए गए 100 करोड़ रुपये के जुर्माने पर रोक लगा दी।
राज्य के अधिकारियों द्वारा आठ सप्ताह की अवधि के भीतर 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करने के अधीन रहने की अनुमति दी जाती है।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस एम.एम. सुंदरेश की खंडपीठ ने प्रतिवादियों को नोटिस जारी करते हुए कहा,
"अपीलकर्ताओं द्वारा 25,00,00,000/- (पच्चीस करोड़ रुपये मात्र) रुपये की राशि आज से आठ सप्ताह की अवधि के भीतर अधिकारियों के पास जमा कराने के अधीन दंड/मुआवजे के संबंध में दिए गए फैसले में दिए गए निर्देश पर रोक रहेगी।”
एसईआईएए द्वारा आंध्र प्रदेश में अवुलपल्ली जलाशय को दी गई पर्यावरणीय मंजूरी रद्द करने और राज्य के जल संसाधन विभाग पर 100 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने के एनजीटी के आदेश के खिलाफ अपील पर सुनवाई करते हुए अंतरिम आदेश पारित किया गया।
कोर्ट ने कहा कि नोटिस "अक्टूबर, 2023 के महीने में वापस करने योग्य है।"
कोर्ट ने आगे कहा,
"जमा की गई राशि वर्तमान अपील के परिणाम के अधीन होगी।"
केस टाइटल: आंध्र प्रदेश राज्य बनाम गुथा गुणशेखर व अन्य।
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