''क्या आप ये कह रहे हैं कि जब से एक बॉलीवुड अभिनेता की मौत हुई है, संविधान का पालन नहीं किया जा रहा है'' : सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को बर्खास्त करने की मांग वाली याचिका खारिज की

Update: 2020-10-16 10:27 GMT

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया है, जिसमें महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य सरकार को बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की गई थी।

भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की खंडपीठ ने इस जनहित याचिका (पीआईएल) को सुना और कहा कि अदालत ऐसी प्रार्थनाओं पर विचार नहीं कर सकती।

सीजेआई बोबडे ने याचिकाकर्ता विक्रम गहलोत को सूचित किया कि उनके पास राष्ट्रपति से संपर्क करने की स्वतंत्रता है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि वह इस मामले के लिए अदालत में न आएं।

''एक नागरिक के रूप में, आप राष्ट्रपति से संपर्क करने के लिए स्वतंत्र हैं, लेकिन यहां मत आइए।"

याचिका में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत और अभिनेता कंगना रनौत की संपत्ति को ध्वस्त करने के मामले का उल्लेख किया गया था और कहा गया था कि राज्य में कानून व व्यवस्था की स्थिति संकट में है। साथ ही यह तर्क दिया गया था कि राज्य के मामलों का संचालन संवैधानिक और कानूनी प्रावधानों के अनुसार नहीं किया जा रहा है।

इस सबमिशन के जवाब में, सीजेआई बोबडे ने टिप्पणी करते हुए कहा कि, ''क्या एक बॉलीवुड अभिनेता की मृत्यु हो हुई है,सिर्फ इस आधार पर आप यह कह रहे हैं कि राज्य संविधान के प्रावधानों का पालन नहीं कर रहा है?''

सीजेआई बोबडे ने याचिकाकर्ता को आगे इंगित किया कि कथित रूप से कानून और व्यवस्था के उल्लंघन का हर उदाहरण मुंबई का है।

सीजेआई बोबडे ने कहा कि,''क्या आप जानते हैं कि महाराष्ट्र राज्य कितना बड़ा है?''

इस प्रकार, सर्वोच्च न्यायालय ने इस याचिका को खारिज कर दिया।

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