केरला उपभोक्ता आयोग ने ग्राहक को 1.05 लाख रुपये देने का आदेश दिया जिसने 2018 मॉडल होंडा मोटरसाइकिल के लिए भुगतान किया था लेकिन उसे लेकिन उसे 2017 मॉडल दी जाती है।
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग,एर्नाकुलम ने आर्य भंगी मोटर्स (विक्रेता) को सेवा में कमी और अनुचित व्यापार व्यवहार के लिए जिम्मेदार ठहराया।
दरअसल, ग्राहक ने 2018 मॉडल मोटरसाइकल के लिए आग्रह किया था लेकिन विक्रेता के द्वारा उसे 2017 मॉडल होंडा मोटरसाइकल दी जाती है जिसकी चेसिस मुड़ी हुई रहती है।
आयोग के अध्यक्ष डी बी बिणु और सदस्य वी रामचंद्रन और श्रीविधिया टी एन की खंडपीठ ने शिकायतकर्ता को हुई परेशानी और असुविधा के लिए डीलर से 1,05,660 रुपये मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया।
शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने डीलर को 2018 मॉडल मोटरसाइकल के लिए 85,660 रुपये भुगतान किया था तथा उसने आरोप लगाया कि बीमा कागज में भी वाहन को 2018 मॉडल दिखाया गया था लेकिन आरसी बुक में वाहन का मॉडल 2017 दर्ज था।
तथा शिकायतकर्ता ने बताया कि वाहन में मुड़ी हुई चेसिस जैसी और अन्य खराबी हैं जो ये बताती हैं कि वाहन को पहले इस्तेमाल किया जा चुका है। जिसके लिए शिकायतकर्ता ने वाहन के लिए भुगतान की गई धनराशि के साथ साथ डीलर के द्वारा कि गई गलती से हुई परेशानी और नुकसान के लिए मुआवजे की मांग की।
डीलर के पक्ष के वकील ने तर्क दिया कि शिकायतकर्ता ने वाहन के मॉडल, रंग और स्थिति की पुष्टि करने के बाद उसे बुक किया था। यह प्रस्तुत किया गया था कि आरसी बुक में वाहन की निर्माण तिथि को सही ढंग से दर्ज किया गया है। और शिकायतकर्ता को उस वाहन पर कोई आपत्ति नहीं थी जिसे उसने चुना था और खुद बुक किया था।
तथा यह भी कहा गया कि वाहन कि सर्विस डायरी से ये पता चलता है कि वाहन को शिकायतकर्ता द्वारा लगातार इस्तेमाल में लिया गया है।
आयोग ने कहा कि डीलर पक्ष आयोग द्वारा जारी नोटिस का अपना लिखित संस्करण दाखिल करने में विफल रहा, जो आरोपों की स्वीकार करने के समान था। तथा यह पाया गया कि मुड़ी हुई भी शिकायतकर्ता के आरोपों को सही साबित करती है।
इस प्रकार डीलर को शिकायतकर्ता को धनराशि के साथ साथ 20,000 रुपये कारवाई के खर्च और हुई परेशानी के लिए मुआवजे के रूप में देने का आदेश दिया गया।
शिकायतकर्ता के वकील: वकील जॉर्ज चेरियन करिप्पापरंबिल
विरोधी पक्ष के वकील: वकील टी.ए.
केस टाइटल: अरविंद जी जॉन बनाम मेसर्स आर्य भंगी मोटर्स
केस नंबर: सी.सी. नंबर 173/2018
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