सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के तलाला विधानसभा क्षेत्र में उप-चुनाव पर लगाई रोक, चुनाव आयोग को नोटिस जारी
अयोग्य करार दिए गए गुजरात के कांग्रेस विधायक की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात की तलाला विधानसभा में 26 अप्रैल को होने वाले उप-चुनाव पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर चुनाव आयोग की ओर से जवाब भी मांगा है।
सेशन कोर्ट कर चुका है सजा को निलंबित
सोमवार को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को बताया कि निचली अदालत के सजा के फैसले को सेशन कोर्ट निलंबित कर चुका है। इसके बावजूद भी विधायक को अयोग्य करार देकर उप- चुनाव का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
इस पर चीफ जस्टिस ने भी गुजरात की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि जब सजा को सेशन कोर्ट ने निलंबित कर दिया था तो इसके बाद चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन कैसे जारी कर दिया। इसके बाद पीठ ने चुनाव आयोग के 10 मार्च के नोटिफिकेशन पर रोक लगाते हुए नोटिस जारी कर दिया।
गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले को दी गयी है चुनौती
इस याचिका में कांग्रेस विधायक भगवान बराड ने गुजरात उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें कहा गया कि वो राज्य की तलाला विधानसभा सीट पर उप-चुनाव कराने के चुनाव आयोग के आदेश में दखल नहीं देगा।
इससे पहले विधायक को अवैध खनन के मामले में सजायाफ्ता होने पर भी सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया है जिसे भी याचिका में चुनौती दी गई है। बराड ने चुनाव आयोग के 10 मार्च के आदेश को भी चुनौती दी थी जिसमें तलाला सीट पर उप-चुनाव की घोषणा की गई थी। 5 मार्च को जारी की गई अधिसूचना में गुजरात विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने तलाला सीट को खाली घोषित किया था।
दरअसल न्यायिक मजिस्ट्रेट ने 1 मार्च को अवैध खनन के मामले में बराड को दोषी करार देकर उन्हें 2 साल 9 महीने जेल की सजा सुनाई थी और 5 मार्च को सजा के बाद विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी ने उन्हें अयोग्य करार दिए जाने का फैसला भी दिया और इस सीट को खाली घोषित कर दिया।
लेकिन 7 मार्च को सेशन कोर्ट ने इस सजा को निलंबित कर दिया। इसके बावजूद 10 मार्च को चुनाव आयोग ने इस विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
बराड ने इस फैसले को गुजरात उच्च न्यायालय में चुनौती दी लेकिन 27 मार्च को गुजरात उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति एस. आर. ब्रह्मभट्ट और न्यायमूर्ति वी. बी. मायानी ने बराड की अर्जी का निपटारा कर दिया और कहा कि वह तलाला विधानसभा सीट पर उप-चुनाव घोषित करने की चुनाव आयोग की अधिसूचना में दखल नहीं देगा।