कलकत्ता हाईकोर्ट ने डॉक्टरों के मंच द्वारा धरना-प्रदर्शन की अनुमति दी, कहा- प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए क्रूर बलात्कार एवं हत्या के खिलाफ डॉक्टरों के संयुक्त मंच द्वारा शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन की अनुमति देने वाले एकल जज के आदेश को बरकरार रखा।
जस्टिस हरीश टंडन और हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने एकल जज का आदेश संशोधित करते हुए विरोध प्रदर्शन में कुल उपस्थिति को पहले स्वीकृत 250 डॉक्टरों से घटाकर 100 किया, क्योंकि राज्य ने अपील की थी कि क्रिसमस के व्यस्त समय में प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो जाएंगी, जिससे यात्रियों को परेशानी होगी।
उन्होंने कहा,
"देश के प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। बशर्ते इस संबंध में पर्याप्त सुरक्षा उपाय किए जाएं, जो आम लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण न करें। इस तरह की अभूतपूर्व घटना के संबंध में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन हुआ है। देश के एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते डॉक्टर्स फोरम को पता है कि कोई भी विरोध प्रदर्शन जिससे असुविधा हो या पक्षों के अधिकारों का अतिक्रमण हो, स्वीकार्य नहीं है। देश के प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार है। इसलिए ऐसी अनुमति देने से इनकार करते समय अधिकारियों को उन अन्य पिछली घटनाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए जहां अनुमति दी गई।"
केस टाइटल: पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य बनाम डॉक्टरों और अन्य का संयुक्त मंच