RG Kar Rape-Murder: कलकत्ता हाईकोर्ट ने पीड़िता के बारे में सोशल मीडिया पर लिखी गई भद्दी टिप्पणियों पर CBI से रिपोर्ट मांगी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से आरजी कर बलात्कार-हत्याकांड में पीड़िता से संबंधित सोशल मीडिया पर लिखी गई कुछ टिप्पणियों के बारे में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा।
उक्त मामले में ट्रेनी डॉक्टर का अस्पताल परिसर में बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने मौखिक रूप से टिप्पणी की,
"CBI ने जांच अपने हाथ में ले ली है। आप [CBI] देखें कि क्या कुछ किया जा सकता है। पीड़िता की तस्वीर के नीचे कुछ बहुत ही भद्दी टिप्पणिया लिखी हुई हैं। हम एएसजी को [याचिका की] कॉपी देने के लिए कहेंगे। CBI इसकी जांच कर सकती है। हम मामले को 18 सितंबर को सूचीबद्ध करेंगे।"
अदालत के समक्ष यह याचिका वकील ने उठाई, जिसने दावा किया कि पीड़िता की तस्वीर के नीचे सोशल मीडिया पर कुछ बहुत ही आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही थीं, जिन्हें हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों द्वारा रोकने के निर्देश दिए जाने से पहले ही शेयर किया जा रहा था।
वकील ने दावा किया कि ये टिप्पणियां ऐसे हैंडल द्वारा की जा रही थीं, जिन्हें ट्रेस भी नहीं किया जा सका या जिनके असली व्यक्ति होने का प्रमाण भी नहीं मिल सका। वकील ने मांग की कि कोलकाता पुलिस साइबर सेल को इन टिप्पणियों की जांच करने और उनकी उत्पत्ति का पता लगाने का निर्देश दिया जाए।
हालांकि, अदालत ने कहा कि CBI ने जांच अपने हाथ में ले ली है, इसलिए वे याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई शिकायतों से निपटने में सक्षम होंगे।
इस स्तर पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को सूचित किया कि CBI के पास कोई अलग साइबर सेल नहीं है। इसलिए राज्य पुलिस को भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाना चाहिए।
हालांकि पीठ ने कहा कि रिपोर्ट CBI को ही दाखिल करनी होगी और वे अपनी रिपोर्ट संकलित करने में आवश्यकतानुसार राज्य पुलिस के साइबर सेल से सहयोग मांग सकते हैं।
इन टिप्पणियों के साथ पीठ ने मामले को स्थगित कर दिया।