कलकत्ता हाईकोर्ट ने 'धमकी कल्चर' के कारण RG Kar मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टरों के निलंबन पर रोक लगाई
कलकत्ता हाईकोर्ट की अवकाश पीठ ने हाल ही में धमकी संस्कृति के आरोपों के कारण RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल से लगभग 51 जूनियर डॉक्टरों के निलंबन और निष्कासन पर रोक लगाई।
RG Kar ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या का दृश्य रहा है जब उसने अपनी रात की ड्यूटी पूरी की थी।
वर्तमान मामले में याचिकाकर्ताओं को विशेष कॉलेज परिषद के सदस्यों की सिफारिशों पर कॉलेज से निलंबित और निष्कासित कर दिया गया। यह आरोप लगाया गया कि उन्हें बिना किसी कानूनी अधिकार के मनमाने ढंग से निलंबित और निष्कासित किया गया।
प्रतिवादियों के वकील ने यह भी कहा कि RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विशेष कॉलेज परिषद के सदस्यों के पास याचिकाकर्ताओं को निलंबित या निष्कासित करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि 5 अक्टूबर 2024 का आदेश महज सिफारिश है। परिषद ने आगे की कार्रवाई करने के लिए उक्त सिफारिशें राज्य सरकार को भेजी हैं।
तदनुसार, जस्टिस कौशिक चंदा ने कहा,
"उपर्युक्त के मद्देनजर इस समय RG Kar मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के विशेष कॉलेज परिषद के सदस्यों द्वारा 5 अक्टूबर 2024 को अपनाए गए किसी भी प्रस्ताव को लागू करने की कोई गुंजाइश नहीं है। यह स्पष्ट किया जाता है कि 5 अक्टूबर, 2024 के प्रस्ताव को तब तक प्रभावी नहीं माना जाएगा, जब तक कि राज्य द्वारा इस संबंध में कानून के अनुसार कोई निर्णय नहीं लिया जाता है।"
कोर्ट ने निलंबन पर रोक लगाई और मामले को छुट्टियों के बाद सुनवाई के लिए नियमित पीठ के समक्ष रखा।
केस टाइटल: प्रणय मैती और अन्य बनाम स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, सचिव, पश्चिम बंगाल सरकार और अन्य के माध्यम से सेवा।