"बयानों में कुछ भी अपमानजनक नहीं": मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्यपाल द्वारा दायर मानहानि मामले में हाईकोर्ट में कहा

Update: 2024-07-16 05:15 GMT

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट से कहा कि राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों का संदर्भ देने वाले उनके बयानों में कुछ भी अपमानजनक नहीं है।

ये दलीलें जस्टिस कृष्ण राव की एकल पीठ के समक्ष बनर्जी के वकील, पूर्व एडवोकेट जनरल एस.एन. मुखर्जी ने राज्यपाल द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ दायर मानहानि के मुकदमे में दी।

राज्यपाल ने कथित तौर पर यह कहकर मुख्यमंत्री को बदनाम किया कि उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण महिलाएं उनसे मिलने में "सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं।"

मुख्यमंत्री के वकील ने कहा कि टिप्पणियां अपमानजनक नहीं थीं, बल्कि वास्तव में जनहित में की गईं। यह भी कहा गया कि राज्यपाल द्वारा दायर मुकदमा स्वीकार्य नहीं होगा।

राज्यपाल बोस के वकील ने कहा कि वादी इस तरह की राहत की मांग कर रहा है कि मुख्यमंत्री और सत्तारूढ़ दल के दो अन्य विधायकों को उनके खिलाफ कोई भी बयान देने से रोका जाए।

विवाद तब शुरू हुआ, जब बनर्जी ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस की दो महिला विधायकों ने कथित तौर पर उनसे कहा कि राज्यपाल द्वारा पद की शपथ दिलाने के लिए राजभवन जाने पर उन्हें असुरक्षित महसूस होता है।

याचिका को अगली सुनवाई के लिए स्थगित कर दिया गया।

केस टाइटल: डॉ. सी.वी. आनंद बोस बनाम सुश्री ममता बनर्जी और अन्य

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