हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में रहते हैं: कलकत्ता हाईकोर्ट ने Diary Of West Bengal फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से किया इनकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने गुरुवार को Diary Of West Bengal नामक फिल्म की रिलीज पर रोक लगाने से इनकार किया। फिल्म में सांप्रदायिक भावनाएं होने के आधार पर इसकी रिलीज को रोकने की मांग की गई। फिल्म में 1971 के बांग्लादेश मुक्ति युद्ध के आसपास की घटनाओं को दर्शाया गया।
चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम और जस्टिस हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने याचिका पर तत्काल राहत देने से इनकार किया और कहा,
"अदालतों ने बार-बार कहा कि अगर आप फिल्म देखना चाहते हैं तो देखें, अगर नहीं देखना चाहते हैं तो न देखें। हम लोकतांत्रिक व्यवस्था में हैं। किसी भी तरह की स्वस्थ आलोचना का स्वागत है। अगर जो लोग पीड़ित हैं तो उन्हें हमसे संपर्क करने दें। पश्चिम बंगाल सहिष्णु समाज है, हम कहां जा रहे हैं, अगर आप चाहें तो हम इसे स्वीकार करेंगे और इसे लंबित रखेंगे।”
याचिकाकर्ताओं ने कल (29 अगस्त) को होने वाली फिल्म की रिलीज इस आधार पर रोकने की मांग की कि इसमें सांप्रदायिक प्रकृति के चित्रण किए गए। वर्तमान अस्थिर स्थिति के कारण फिलहाल इसकी रिलीज को टालना बेहतर होगा।
हालांकि अदालत ने माना कि इस तरह से जनहित याचिका में फिल्म की रिलीज को रोका नहीं जा सकता और इसे आगे बढ़ने दिया।
याचिका तीन सप्ताह बाद आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।