कलकत्ता हाइकोर्ट ने सरस्वती पूजा पर कथित सांप्रदायिक टिप्पणियों को लेकर BJP IT Cell प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने पर रोक लगाई

Update: 2024-05-16 07:02 GMT

कलकत्ता हाइकोर्ट ने राज्य पुलिस को BJP IT Cell प्रमुख अमित मालवीय के खिलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई करने से अस्थायी रूप से रोक दिया। मालवीय को कथित तौर पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के लिए आपराधिक मामले में आरोपी बनाया गया है।

जस्टिस जय सेनगुप्ता की सिंगल बेंच ने मालवीय द्वारा 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किए गए ट्वीट पर ध्यान दिया, जिसमें पश्चिम बंगाल भर के स्कूलों में सरस्वती पूजा को कथित रूप से रोकने के खिलाफ़ अनुचित टिप्पणी करके सांप्रदायिक घृणा भड़काने का आरोप लगाया गया।

पीठ ने राज्य से जवाब भी मांगा और कहा कि अगर पुलिस मालवीय से पूछताछ करना चाहती है तो वह वर्चुअली ऐसा कर सकती है। उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जा सकती।

ये टिप्पणियां मालवीय द्वारा दायर की गई उस याचिका पर आईं, जिसमें उन्होंने कथित रूप से आपत्तिजनक ट्वीट पोस्ट करने के लिए उनके खिलाफ दर्ज की गई एफआईआर रद्द करने की मांग की। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बंगाल के स्कूलों में सरस्वती पूजा की अनुमति न देकर सांप्रदायिक राजनीति करने का आरोप लगाया था। मालवीय ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने देवी की मूर्तियों को तोड़फोड़ की थी।

इसके अनुसार, एफआईआर दर्ज की गई और मालवीय पर आईपीसी की धारा 153ए और 505 के तहत मामला दर्ज किया गया।

मालवीय के वकील ने यह कहते हुए टिप्पणी को सही ठहराने का प्रयास किया कि राज्य ने वास्तव में स्कूलों में सरस्वती पूजा को रोक दिया, जैसा कि समाचार रिपोर्टों में बताया गया। टिप्पणी के बाद सांप्रदायिक तनाव नहीं फैला। यह कहा गया कि एफआईआर राजनीति से प्रेरित और दुर्भावनापूर्ण है।

राज्य के वकील ने तर्क दिया कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है और दलीलों पर जवाब देने के लिए समय मांगा।

अब मामले की सुनवाई गर्मी की छुट्टियों के बाद होगी।

केस टाइटल- अमित मालवीय बनाम पश्चिम बंगाल राज्य और अन्य

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