यूट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग शुरू होने के बाद से याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से हंगामा मचा रखा है: कलकत्ता हाईकोर्ट की टिप्पणी
कलकत्ता हाईकोर्ट ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि यूट्यूब पर अदालती कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग के आगमन से ऐसी स्थिति पैदा हो गई, जहां याचिकाकर्ताओं ने व्यक्तिगत रूप से हंगामा मचा रखा है।
जस्टिस तीर्थंकर घोष ने याचिकाकर्ता द्वारा व्यक्तिगत रूप से प्रस्तुत किए जा रहे मामले की सुनवाई करते हुए ये टिप्पणियां कीं।
जस्टिस घोष ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उन्होंने पहले भी वकील को नियुक्त किया था और वह इस मामले में पेश भी हुआ तो याचिकाकर्ता ने कहा कि हालांकि वकील को नियुक्त किया गया लेकिन वह इस अवसर पर व्यक्तिगत रूप से पेश हो रहा है, क्योंकि वह अस्वस्थ है।
न्यायाधीश ने टिप्पणी की,
"आप अब कैसे पेश हो रहे हैं? आपने एक वकील को नियुक्त किया था। रजिस्ट्रार जनरल से हस्ताक्षरित प्राधिकरण प्राप्त करें। मैं इसकी अनुमति कैसे दे सकता हूं? अन्यथा कोई भी किसी के भी मामले में पेश हो जाएगा।"
याचिकाकर्ता ने आगे कहा कि वह भी एक वकील है।
इस पर पीठ ने कहा,
"तो फिर आप ऐसे कैसे आ गए? आप वकील की पोशाक भी नहीं पहनकर आए हैं। हर कोई अदालत की मर्यादा को खराब कर रहा है। आपके पास पहचान पत्र होना चाहिए।"
इसके बाद अदालत ने याचिका स्थगित कर दी और याचिकाकर्ता से रजिस्ट्रार जनरल के समक्ष हलफनामा दाखिल करने को भी कहा है।