नौकरी के बदले घूस घोटाला: कलकत्ता हाईकोर्ट ने दागी उम्मीदवारों को नई भर्ती प्रक्रिया से किया बाहर

Update: 2025-07-08 09:50 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कैश फॉर जॉब्स स्कैम के तहत नौकरी गंवा चुके दागी उम्मीदवारों को आगामी SSC भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया। कोर्ट ने कहा कि जिन उम्मीदवारों की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की थीं वे नई भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

जस्टिस सौगता भट्टाचार्य ने आदेश देते हुए कहा,

"दिनांक 30 मई, 2025 की भर्ती अधिसूचना के तहत शुरू हुई चयन प्रक्रिया को संबंधित प्राधिकारी आगे बढ़ाएं लेकिन उसमें दागी उम्मीदवारों को भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि किसी दागी उम्मीदवार ने आवेदन किया तो वह स्वतः रद्द माना जाएगा।"

कोर्ट ने बोर्ड को निर्देश दिया कि वह सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशानिर्देशों के अनुसार शीघ्र चयन प्रक्रिया पूरी करे।

पीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच और फिर सुप्रीम कोर्ट द्वारा मंजूर निर्णयों के मुताबिक पूरी चयन प्रक्रिया में गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 और 16 का उल्लंघन करती हैं।

इसीलिए पूरी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया जिससे दो श्रेणियों के उम्मीदवारों की नियुक्ति रद्द हुई – “दागी” और “निर्दोष”

सुप्रीम कोर्ट ने दागी उम्मीदवारों की नियुक्तियों को धोखाधड़ी का परिणाम बताते हुए कहा कि ये नियुक्तियां फ्रॉड और चीटिंग पर आधारित थीं, इसलिए उनकी बहाली पर कोई राहत नहीं दी गई।

हालांकि, राज्य सरकार और WBCSSC ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला केवल उम्र सीमा में छूट देने तक सीमित था लेकिन हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा तर्क सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भावना के विपरीत है।

न्यायालय ने यह भी कहा,

"यदि दागी उम्मीदवारों को नई चयन प्रक्रिया में भाग लेने दिया गया तो उनके पहले के अनुभव को अंक दिए जा सकते हैं, जो सीधे सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों के खिलाफ होगा।"

इस पृष्ठभूमि में याचिका का निस्तारण कर दिया गया।

टाइटल: BIRKENSTOCK IP GMBH v. ASHOK KUMAR(S)/JOHN DOE(S) & ORS

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