कलकत्ता हाईकोर्ट ने RG KAR दोषी की आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार की अपील खारिज की; CBI की अपील स्वीकार की

Update: 2025-02-07 07:07 GMT

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कोलकाता के RG KAR मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या के दोषी संजय रॉय को दी गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ राज्य सरकार की अपील खारिज की।

जस्टिस देबांगसु बसाक और जस्टिस शब्बर रशीदी की खंडपीठ ने मामले की जांच करने वाली केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर एक अलग अपील स्वीकार की।

इससे पहले अदालत ने राज्य के एडवोकेट जनरल और एएसजी एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

पूरा मामला

अगस्त, 2024 में हुई इस घटना ने पूरे देश में काफी हंगामा मचाया, जिसके बाद हाईकोर्ट ने मामले को CBI को सौंप दिया, जिसने सेशन जज में आरोपपत्र दाखिल किया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा, जिसने डॉक्टरों की कार्यस्थल सुरक्षा के लिए दिशा-निर्देश बनाने और जांच की निगरानी करने के लिए इसे स्वतः संज्ञान में लिया। इस वीभत्स घटना के बाद कोलकाता और पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की गई।

कलकत्ता हाईकोर्ट ने जनहित याचिका में जांच को CBI को सौंप दिया, जिसने पश्चिम बंगाल CID ​​से कार्यभार संभाला, जिसने बलात्कार-हत्या मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को गिरफ्तार किया। कलकत्ता हाईकोर्ट के समक्ष विभिन्न मामले दायर किए गए, जिसने पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष द्वारा कथित दुराचार और भ्रष्टाचार की जांच भी CBI को सौंप दी।

क्षेत्राधिकार वाले पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी के खिलाफ भी मामले दर्ज किए गए, जिन्होंने मामले को अप्राकृतिक मौत के रूप में दर्ज किया, जिसमें इस तथ्य की ओर इशारा किया गया कि पीड़िता ने पूर्व प्रिंसिपल के साथ कथित मिलीभगत में आत्महत्या की हो सकती है। हालांकि, चूंकि CBI प्रिंसिपल और ओसी के खिलाफ समय पर चार्जशीट दाखिल करने में असमर्थ थी, इसलिए उन्हें जमानत दे दी गई।

इस प्रकार मामले में एकमात्र शेष आरोपी जिसके खिलाफ CBI ने चार्जशीट दाखिल की थी वह मुख्य आरोपी संजय रॉय था।

केस टाइटल: केंद्रीय जांच ब्यूरो बनाम संजय रॉय

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