नई OBC सूची पर रोक के बावजूद भर्ती जारी रखने को लेकर अवमानना याचिका पर तत्काल सुनवाई से कलकत्ता हाईकोर्ट का इनकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर तत्काळ सुनवाई से इनकार कर दिया। यह याचिका राज्य सरकार द्वारा OBC-A और OBC-B श्रेणियों में भर्ती प्रक्रिया जारी रखने को लेकर दाखिल की गई, जबकि अदालत पहले ही सरकार की उन अधिसूचनाओं पर रोक लगा चुकी है, जिनके आधार पर नई OBC श्रेणियों की पहचान की जा रही थी।
सीनियर एडवोकेट बांसुरी स्वराज ने मामले का उल्लेख करते हुए अदालत से निवेदन किया कि इसे इस सप्ताह ही सुना जाए, क्योंकि भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह से अदालत के आदेश की अवहेलना करते हुए चल रही है।
उन्होंने अदालत को बताया कि 17 जून को हाईकोर्ट ने OBC संबंधी पांच अधिसूचनाओं पर रोक लगाई। इसके बावजूद राज्य सरकार भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ा रही है। 18 जून तक 71,000 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। उन्होंने आशंका जताई कि राज्य इस तरह जानबूझकर ऐसी स्थिति पैदा कर रहा है, जिसे बाद में बदला न जा सके।
खंडपीठ ने मामले को तुरंत सूचीबद्ध करने से इनकार करते हुए कहा,
"इसमें क्या तत्कालता है? हम अभी दाखिला प्रक्रिया को नहीं रोक सकते। मामला तय तारीख पर ही सुना जाएगा।"
अदालत ने यह भी कहा कि बिना प्रतिपक्ष को नोटिस दिए इस तरह मेंशनिंग के जरिए सुनवाई नहीं की जा सकती।
गौरतलब है कि मई 2023 में कलकत्ता हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार द्वारा 2010 के बाद जारी सभी OBC प्रमाणपत्रों को रद्द कर दिया था।
इसके खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और बताया कि उसने एक नया आयोग गठित किया है जो राज्य में OBC वर्गों की पहचान करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने उस सुनवाई में यह भी स्पष्ट किया कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं दिया जा सकता और राज्य द्वारा की गई OBC श्रेणियों की वर्गीकरण प्रक्रिया पर सवाल उठाए।
इस पूरे घटनाक्रम के बीच हाईकोर्ट का यह रुख यह स्पष्ट करता है कि न्यायालय आदेश की अनुपालना को गंभीरता से लेता है लेकिन साथ ही वह प्रक्रिया और न्यायिक मर्यादा का भी सख्ती से पालन करता है।