जूनियर डॉक्टर्स की ताजा हड़ताल को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से हाईकोर्ट का इनकार
कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों द्वारा आहूत ताजा हड़ताल को चुनौती देने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। यह हड़ताल आरजी कर अस्पताल में रेजिडेंट डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की क्रूर घटना के बाद की गई।
राज्य भर के जूनियर डॉक्टरों ने शुरू में इस घटना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कार्यस्थल पर सुरक्षा और संस्थानों को चलाने वालों की जवाबदेही की मांग की। सुप्रीम कोर्ट के कई निर्देशों और राज्य सरकार के आश्वासन के बाद उन्होंने लगभग एक महीने की हड़ताल के बाद काम फिर से शुरू कर दिया।
यह देखने पर कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग द्वारा वादा किए गए बदलाव और सुरक्षा के प्रावधान पूरे नहीं किए गए, जूनियर डॉक्टरों ने एक आम सभा बुलाकर एक बार फिर अपना केसवर्क विरोध फिर से शुरू कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट में जूनियर डॉक्टरों की ओर से पेश सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ से कहा कि वे फिलहाल केवल आवश्यक और आपातकालीन सेवाएं ही दे रहे हैं।
सुनवाई में जूनियर डॉक्टरों द्वारा बुलाई गई ताजा हड़ताल को चुनौती देने वाले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने चीफ जस्टिस टीएस शिवगनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को यह समझाने की कोशिश की कि जूनियर डॉक्टरों द्वारा बुलाई गई हड़ताल एक बार फिर स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को नुकसान पहुंचा रही है। इसलिए इसे रोका जाना चाहिए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि मामले में कोई तात्कालिकता नहीं है। याचिकाकर्ता को अवकाश पीठ से संपर्क करने का निर्देश दिया।