'बांग्लादेश जैसी स्थिति नहीं चाहते': जादवपुर यूनिवर्सिटी में हिंसक झपड़ों के बीच स्टूडेंट अशांति का प्रबंधन करे सरकार- हाईकोर्ट

Update: 2025-03-06 08:46 GMT
बांग्लादेश जैसी स्थिति नहीं चाहते: जादवपुर यूनिवर्सिटी में हिंसक झपड़ों के बीच स्टूडेंट अशांति का प्रबंधन करे सरकार- हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने जादवपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शनकारी स्टूडेंट और शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के काफिले के बीच झड़पों के कारण हुई हाल की अशांति पर चिंता व्यक्त की।

जस्टिस तीर्थंकर घोष ने इस मुद्दे पर चिंता व्यक्त की कि यह या तो पुलिस की खुफिया विफलता या मंत्री द्वारा ऐसी खुफिया रिपोर्टों की अवहेलना के कारण हुआ है। उन्होंने राज्य को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि अशांति से निपटने के लिए उपाय किए जाएं और भविष्य में ऐसी टकराव की स्थिति को रोका जाए।

उन्होंने कहा,

"दोनों पक्षों को कुछ अनुशासन अवश्य रखना चाहिए लोगों को [मंत्री] के इतने करीब आने की अनुमति नहीं दी जा सकती। मैं नहीं चाहता कि यह पश्चिम बंगाल के बाकी हिस्सों के लिए एक उदाहरण बने। चुनाव वर्ष आ रहा है, यह महामारी की तरह फैलेगा। नागरिक अनुशासन खो देंगे। मैं नहीं चाहता कि यह पड़ोसी देश जैसा हो। अब से अगर [मंत्रियों] द्वारा खुफिया जानकारी का पालन करने में कोई अवहेलना की जाती है तो उसे लिखित रूप में दर्ज किया जाना चाहिए। कोई फोन कॉल नहीं चलेग अन्यथा अगर कुछ होता है तो सारा दोष सुरक्षा एजेंसियों पर आएगा।"

जस्टिस घोष ने राज्य अधिकारियों से रिपोर्ट भी मांगी, जिसमें बताया गया हो कि ऐसी स्थिति कैसे पैदा हुई और पुलिस ने तनाव को कम करने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास क्यों नहीं किया।

बसु जादवपुर यूनिवर्सिटी में शिक्षक निकाय की वार्षिक आम बैठक में भाग लेने गए थे और प्रदर्शनकारी स्टूडेंट ने उनका विरोध किया। इसके बाद हुई झड़पों में देखा गया कि काफिले की गाड़ियों ने भीड़ को चीरकर स्टूडेंट को घायल कर दिया और एक छात्र काफिले की गाड़ी के पहियों के नीचे कुचलकर घायल हो गया।

इसके बाद हिंसक हंगामा हुआ और स्टूडेंट ने काफिले की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया और आगे भी आंदोलन किया।

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